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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड की सुरम्य वादियां जहां आध्यात्मिकता और शांति के लिए प्रसिद्ध हैं, वहीं पिछले कुछ समय से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ गई हैं। स्थानीय तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि यह लगातार हो रही दुर्घटनाएं देवताओं की नाराजगी का परिणाम हैं।

हेलीकॉप्टर का शोर बना कारण

बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों पर हेलीकॉप्टरों का भारी संचालन न केवल तीर्थयात्रियों की शांति भंग कर रहा है, बल्कि पुरोहितों के अनुसार देवताओं की तपस्या में भी व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। श्री बदरीश पंडा पंचायत के सचिव रजनीश मोतिवाल के मुताबिक, "इस शांतिप्रिय क्षेत्र में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट देवताओं की अप्रसन्नता का कारण बन रही है।"

मर्यादाओं का उल्लंघन

उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डा. बृजेश सती ने कहा कि कपाट खुलने के दिन बदरीनाथ मंदिर पर पुष्प वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना आस्था और परंपरा के विरुद्ध था। ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती के अनुसार, धार्मिक स्थलों की मर्यादाओं का सम्मान किया जाना आवश्यक है।

उड़ानों पर नियंत्रण की मांग

चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के ऊपर से हेलीकॉप्टर उड़ानों पर प्रतिबंध के अनुरोध के बावजूद प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। तीर्थ पुरोहित पंकज शुक्ला ने कहा कि मंदिर के ठीक पीछे बने वीआईपी हेलीपैड से मंदिर के ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं, जो अनुचित है।

संकेत किसी बड़े अनिष्ट के

तीर्थ पुरोहित अरविंद सेमवाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं का बढ़ना किसी बड़े अनिष्ट का संकेत हो सकता है। सरकार और प्रशासन को धार्मिक भावनाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने चाहिए।