Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ते ही गांवों में हलचल भी तेज हो गई है। कहीं समर्थन जुटाने की कोशिश है तो कहीं पुरानी रंजिशें फिर से सिर उठाने लगी हैं। इन्हीं हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने समय रहते सतर्कता बढ़ा दी है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या तनाव की स्थिति पैदा न हो।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने जिले के सभी बीट प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय रहें। उनका कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना के बाद कार्रवाई करने से बेहतर है, हालात बिगड़ने से पहले ही नियंत्रण कर लिया जाए। इसके लिए बीट प्रभारियों की भूमिका सबसे अहम है।
एसपी ने कहा कि हर बीट प्रभारी को अपने इलाके की पूरी जानकारी होनी चाहिए। गांव में कौन लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं, कौन जेल में हैं, किसे जमानत मिली है और पंचायत चुनाव में कौन-कौन दावेदारी कर रहा है—इन सभी बिंदुओं पर नजर रखना जरूरी है। साथ ही, पुराने विवाद, शांति भंग करने की आशंका रखने वाले लोग और अवैध हथियार रखने वालों की सूची पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बीट प्रभारी नियमित रूप से गांवों का भ्रमण करें और ग्रामीणों से सीधा संवाद बनाए रखें। इससे छोटी समस्याएं समय रहते सामने आ जाएंगी और बड़े विवाद बनने से पहले ही उन्हें सुलझाया जा सकेगा। महिला बीट प्रभारियों को खास तौर पर महिलाओं से संपर्क में रहने, उनकी समस्याएं सुनने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे न केवल महिला सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि पुलिस और ग्रामीणों के बीच भरोसा भी बढ़ेगा।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान राजनीतिक तनाव, आपसी मतभेद और टकराव की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले की सभी 882 ग्राम पंचायतों में तैनात बीट प्रभारी हिस्ट्रीशीटरों और संदिग्ध व्यक्तियों का सत्यापन कर रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर समय रहते निरोधात्मक कार्रवाई की जा सके।
अंत में एसपी सोमेंद्र मीना ने साफ कहा कि कानून व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। बीट प्रणाली को और मजबूत बनाकर गांव स्तर पर ही समस्याओं की पहचान और समाधान सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें।




