
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: अगर आप इन दिनों प्रयागराज से बस पकड़कर कहीं जाने की सोच रहे हैं, तो आपको भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। शहर के बस अड्डों पर चारों तरफ सिर्फ भीड़ और बेहाल यात्री नजर आ रहे हैं। बसों के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है और जो बसें आ भी रही हैं, उनमें पैर रखने तक की जगह नहीं है। इस पूरी परेशानी की जड़ उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा है।
दरअसल, 17 और 18 जून को होने वाली यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए प्रशासन ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) की लगभग 150 बसों को अपनी सेवा में ले लिया है। इन बसों का इस्तेमाल परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को उनके केंद्रों तक पहुंचाने और वापस लाने के लिए किया जाएगा।
प्रशासन के इस फैसले का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। प्रयागराज के सिविल लाइंस, जीरो रोड और लीडर रोड बस अड्डों पर हालात बेहद खराब हैं। कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, और अयोध्या जैसे लंबी दूरी के रूटों पर जाने वाली बसों की संख्या अचानक बहुत कम हो गई है।
बस अड्डों पर खड़े यात्री बेबस और परेशान हैं। कोई अपने दफ्तर जाने के लिए परेशान है, तो कोई अपने घर पहुंचने के लिए। घंटों इंतजार के बाद जब कोई बस आती है, तो उसमें चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो जाती है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचेंगे।
परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति परीक्षा समाप्त होने तक बनी रह सकती है। हालांकि, उन्होंने दावा किया है कि यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जमीन पर इसका असर फिलहाल ना के बराबर दिख रहा है। यह स्थिति दिखाती है कि कैसे एक बड़ी प्रशासनिक व्यवस्था के कारण आम आदमी का रोजमर्रा का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।