
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने उन्हें फोन कर ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष को खत्म कराने में मदद करने की पेशकश की थी। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले में रूसी समर्थन को अस्वीकार कर दिया था, हालांकि यूक्रेन युद्ध पर सहयोग की बात पर सहमति जताई।
ट्रंप ने यह बयान उस वक्त दिया जब वह एयर फोर्स वन विमान में बैठकर नीदरलैंड में हो रहे नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हो रहे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि पुतिन ने पूछा था – “क्या मैं ईरान की स्थिति में मदद कर सकता हूं?” ट्रंप ने जवाब में उन्हें इससे पीछे हटने की सलाह दी।
इधर, ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले हवाई हमलों के बाद आखिरकार युद्धविराम की घोषणा हुई, जिससे दोनों देशों के नागरिकों ने राहत की सांस ली। हालांकि ईरान में जनता ने सड़कों पर उतरकर अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं इजरायल के लोगों ने वर्षों से जारी संघर्ष के समाप्त होने की उम्मीद जताई। गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 से इजरायल और गाजा के बीच लगातार टकराव चला आ रहा था।
एक और बड़ी घटना में, ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ अपने संबंधों में कटौती कर दी है। IAEA के प्रमुख रफाएल ग्रोसी ने चिंता जताते हुए कहा कि वह ईरान में प्रभावित परमाणु स्थलों का निरीक्षण कर वास्तविक नुकसान का आकलन करना चाहते हैं। हालांकि ईरान का दावा है कि उन्होंने पहले ही रेडियोएक्टिव सामग्री को सुरक्षित कर लिया था, जिससे विकिरण का कोई खतरा नहीं हुआ।
बुधवार को ईरान की संसद ने एक अहम प्रस्ताव पास करते हुए IAEA और ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बीच सहयोग समझौते को निलंबित करने का निर्णय लिया। इससे पहले ईरान ने IAEA पर उनके परमाणु कार्यक्रम को लेकर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति को फिर से गर्म कर दिया है और वैश्विक मंच पर परमाणु मुद्दे को एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना दिया है।