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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अगर आप अक्सर रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए कतार में खड़े रहते हैं, तो आपका यात्रा अनुभव पूरी तरह बदलने वाला है। अब स्टेशन रिजर्वेशन काउंटर से तत्काल टिकट बुक करना पहले जितना आसान नहीं होगा, क्योंकि रेलवे ने बुकिंग प्रक्रिया को और सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया ओटीपी-आधारित नियम लागू किया है।

इसका मतलब है कि तत्काल टिकट काउंटर से तभी मिलेगा जब यात्री के मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को सफलतापूर्वक दर्ज किया जाएगा। यह कदम तत्काल टिकट धोखाधड़ी, फर्जी बुकिंग और दलालों की मनमानी को रोकने के लिए उठाया गया है।

इसका मतलब है कि तत्काल टिकट काउंटर से तभी मिलेगा जब यात्री के मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को सफलतापूर्वक दर्ज किया जाएगा। यह कदम तत्काल टिकट धोखाधड़ी, फर्जी बुकिंग और दलालों की मनमानी को रोकने के लिए उठाया गया है।

भारतीय रेलवे पहले ही डिजिटल टिकटिंग में कई बदलाव लागू कर चुका है। जुलाई 2025 में, ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण शुरू किया गया था।

भारतीय रेलवे पहले ही डिजिटल टिकटिंग में कई बदलाव लागू कर चुका है। जुलाई 2025 में, ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण शुरू किया गया था।

इसके बाद, अक्टूबर 2025 में सभी सामान्य आरक्षणों की पहले दिन की बुकिंग के लिए एक ओटीपी-आधारित ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई। इसे सामान्य यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और टिकटिंग में पारदर्शिता बढ़ी।

इसके बाद, अक्टूबर 2025 में सभी सामान्य आरक्षणों की पहले दिन की बुकिंग के लिए एक ओटीपी-आधारित ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई। इसे सामान्य यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और टिकटिंग में पारदर्शिता बढ़ी।

अब रेलवे ने इस मॉडल को काउंटर बुकिंग तक बढ़ा दिया है। 17 नवंबर, 2025 से रेलवे ने ओटीपी आधारित तत्काल टिकट काउंटर बुकिंग के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे शुरुआत में कुछ ट्रेनों में लागू किया गया था। इसकी सफलता को देखते हुए अब यह व्यवस्था 52 ट्रेनों में लागू हो चुकी है।

अब रेलवे ने इस मॉडल को काउंटर बुकिंग तक बढ़ा दिया है। 17 नवंबर, 2025 से रेलवे ने ओटीपी आधारित तत्काल टिकट काउंटर बुकिंग के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे शुरुआत में कुछ ट्रेनों में लागू किया गया था। इसकी सफलता को देखते हुए अब यह व्यवस्था 52 ट्रेनों में लागू हो चुकी है।