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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पटना में शनिवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें बिहार सरकार और केंद्र सरकार के बीच लंबित 4800 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर बातचीत हुई। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस बैठक में बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह के साथ विस्तार से चर्चा की। बैठक ताज होटल में आयोजित हुई थी।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक संबंधित ऑडिट रिपोर्ट नहीं आती, तब तक बकाया राशि जारी करना संभव नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही ऑडिट रिपोर्ट मिलती है, राशि जारी कर दी जाएगी। इस बैठक में विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार भी मौजूद थे।

बैठक के दौरान डॉ. प्रेम कुमार ने कई जरूरी मुद्दे उठाए। उन्होंने बताया कि पैक्स और व्यापार मंडलों को अधिप्राप्ति में मिलने वाला कमीशन, मिलिंग रेट, परिवहन और हैंडलिंग शुल्क पिछले 15 सालों से संशोधित नहीं हुआ है। उन्होंने इन दरों को नए सिरे से तय करने की मांग की। इस पर केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि एक कमेटी बनाई गई है जो इन मामलों पर रिपोर्ट तैयार कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर जरूरी संशोधन किया जाएगा।

एक और बड़ा मुद्दा धान की आपूर्ति से जुड़ा था। डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि इस खरीफ सीजन में पैक्सों के पास जो धान बचा है, उसका चावल बनाने और आपूर्ति करने की अंतिम तिथि 15 जून तय थी। इस अवधि तक 22.06 लाख टन चावल की आपूर्ति हो सकी है, लेकिन अब 4.55 लाख टन चावल फंसा हुआ है क्योंकि तारीख समाप्त हो चुकी है। यदि तिथि नहीं बढ़ाई गई, तो राज्य सरकार को करीब 1500 करोड़ रुपये की क्षति हो सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले साल यह तारीख 30 सितंबर तक थी।

इस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए भरोसा दिलाया कि इस विषय में जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।