
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: सोनम जब अपने पति राजा के साथ थी, तब भी उसका दिल अपने प्रेमी राज के लिए धड़कता था। राज उसी के यहां काम करता था और सोनम उसकी आर्थिक रूप से भी मदद करती थी, लेकिन उनकी प्रेम कहानी में राजा एक कांटा बना हुआ था। अपनी ही शादी में जब उसने राज को देखा तो दोनों की आंखें भर आईं। उसी पल एक खौफनाक साजिश ने जन्म लिया। सोनम ने फैसला किया कि वह राजा की हत्या करवाकर विधवा हो जाएगी और फिर राज से शादी कर लेगी, ताकि समाज भी उंगली न उठा सके।
हत्या को अंजाम देने के लिए सोनम बेचैन हो उठी थी। वह फोटोग्राफी का बहाना बनाकर राजा को ऐसी जगह ले जाती, जहां हत्यारे आसानी से उस पर वार कर सकें। जब हत्यारे विशाल ने हिचकिचाहट दिखाई, तो सोनम उस पर झल्ला उठी और बोली, "इसको मार डालो, मैं थक चुकी हूं।" इसके बाद विशाल ने राजा की गर्दन पर पीछे से पहला वार किया और दूसरे साथी आनंद ने दूसरा। फिर चारों ने मिलकर राजा के शव को खाई में फेंक दिया। सोनम ने इस काम के लिए हत्यारों को 15 हजार रुपये दिए और राजा का एटीएम कार्ड तोड़कर फेंक दिया।
उन्हें लगा कि वे बच निकलेंगे, लेकिन शिलांग पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उनके पीछे सुरागों का जाल बिछा दिया था। पुलिस ने शोहरा हिल्स इलाके से करीब पांच लाख मोबाइल नंबरों का डेटा खंगाला। इसी डेटा के समुद्र में एक नंबर गोता लगा रहा था, जो इंदौर का था। यह सिम कार्ड ठीक उसी समय एक्टिव हुआ था जब साजिश रची जा रही थी। यह संदिग्ध नंबर सोनम और राजा के साथ हर जगह मौजूद रहा और जैसे ही राजा की हत्या हुई, यह बंद हो गया। कुछ दिन बाद, 24 मई को यह फोन बिहार में कुछ पलों के लिए फिर चालू हुआ और बंद हो गया। यही एक धागा था, जिसने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
जब पुलिस ने सोनम और राज की कॉल डिटेल निकाली, तो उनके बीच सैकड़ों बार हुई बातचीत ने इस रिश्ते पर मुहर लगा दी। राज के फोन से पुलिस हत्यारों विशाल, आनंद और आकाश तक पहुंच गई, जिनके फोन हत्या के ठीक पहले बंद हुए और हत्या के बाद चालू हो गए। एक प्रेम कहानी, जो आंखों में आंसुओं से शुरू हुई थी, उसका अंत पति की लाश, टूटे हुए सपनों और जेल की सलाखों पर जाकर हुआ।