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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कभी-कभी एक छोटी सी घटना ही बड़े सवाल खड़े कर देती है। ऐसा ही कुछ बिजली विभाग के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में देखने को मिला। मंच पर मौजूद नेता तो थे, लेकिन चर्चा इस बात पर थी कि सम्राट चौधरी खुद आगे बढ़कर नियुक्ति पत्र बांटने लगे। लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा था – “सब आप ही देंगे तो बाकी क्यों हैं?”

आम तौर पर ये समारोह सिर्फ सरकारी उपलब्धियों को दिखाने का मंच होता है, लेकिन इस बार यह राजनीतिक संकेतों और सामाजिक संदेशों के साथ ज्यादा अर्थपूर्ण बन गया।

वीडियो और तस्वीरों ने खड़े किए सवाल

कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो ऐसे समय सामने आए जब राज्य में ‘बुरका कांड’ को लेकर हाल ही में राजनीति गरमाई थी। एक दिन बाद का यह दृश्य थोड़ा बदल हुआ सा नजर आया।

खास बात यह रही कि वीडियो में नियुक्ति पत्र लेने वालों की कतार में केवल लड़के दिखे। लड़कियों की अनुपस्थिति ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए।

सरकारी नौकरियों में महिला भागीदारी को लेकर लंबे समय से दावे होते रहे हैं। बिहार में महिला आरक्षण और सरकारी नौकरियों में सशक्तिकरण को सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश करती रही है। ऐसे में वीडियो में केवल पुरुषों का दिखना स्वाभाविक रूप से चर्चा का विषय बन गया।

सम्राट चौधरी का कदम – केवल औपचारिक नहीं

सम्राट चौधरी का खुद आगे बढ़कर नियुक्ति पत्र बांटना केवल एक औपचारिक कदम नहीं माना जा रहा। इसे सत्ता में भागीदारी और नेतृत्व की सक्रियता के संदेश के रूप में देखा जा रहा है। मंच पर मौजूद अन्य नेताओं और अधिकारियों को अवसर देना भी सामूहिक नेतृत्व का संकेत माना जा रहा है।

राजनीति और सोशल मीडिया का नजरिया

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, ऐसे कार्यक्रमों में हर छोटा दृश्य संदेश देता है। मंच पर बोलने का समय, कैमरे में दिखाई जाने वाली कार्रवाई और गतिविधियां, सब सोच-समझकर तय की जाती हैं।

कल के विवाद के बाद आज का बदला हुआ वीडियो यह दिखाता है कि सरकार अब सतर्क और संदेशपरक दृष्टिकोण अपना रही है।

रोजगार और प्रतिनिधित्व – दो पहलू

नियुक्ति पत्र लेने आए युवाओं के लिए यह दिन जीवन का अहम पड़ाव था। नौकरी और भविष्य की स्थिरता उनके लिए ज्यादा मायने रखती थी। लेकिन सोशल मीडिया पर इस आयोजन ने प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन के मुद्दे भी उठाए।

सरकार रोजगार देने की उपलब्धि गिना रही है, वहीं लोग देख रहे हैं कि उस रोजगार की तस्वीर सामाजिक विविधता और न्याय के नजरिए से कैसी पेश की जा रही है।