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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शनि वक्री 13 जुलाई 2025 से शनि मीन राशि में वक्री हो रहे हैं, तथा 28 नवंबर 2025 तक इसी स्थिति में रहेंगे। शनि को कलियुग का न्यायाधीश, कर्मफल दाता और कर्म का निर्माता माना जाता है।

ऐसे में जब वे वक्री होते हैं, यानी विपरीत दिशा में चलते हैं, तो उन्हें पिछले बुरे कर्मों का फल मिलता रहता है। इस वक्री चाल का असर आपके काम, व्यापार, पारिवारिक जीवन, प्रेम संबंधों और स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं इसका आपकी राशि पर क्या असर होगा और क्या बदलाव निश्चित हैं।

मेष राशि :

आपको त्याग का फल अवश्य मिलेगा, लेकिन आपको अकेले ही रास्ता चुनना होगा।

बारहवें भाव में वक्री शनि आपको आंतरिक सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा।

कार्यस्थल पर सुधार एवं संयम की आवश्यकता रहेगी।

विदेश यात्रा या स्थान परिवर्तन से लाभ संभव है।

अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से सावधान रहें, विशेषकर अवांछित घटनाओं से बचें।

प्रेम संबंधों में अहंकार को पीछे छोड़ दें, तभी रिश्ता टिकेगा।

उपाय: शनिदेव को तिल का तेल चढ़ाएं और गरीबों को वस्त्र दान करें।

वृषभ:

यदि आप धैर्य रखेंगे तो आपके धन और करियर में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

ग्यारहवें भाव में शनि का वक्री होना लंबे समय से लंबित वित्तीय मामलों में गति लाएगा।

नौकरीपेशा लोगों के लिए पदोन्नति और तरक्की के संकेत।

परिवार के साथ समय बिताएँ, अपनी बातचीत में धैर्य रखें।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सकारात्मक संकेत।

उपाय: शनिवार को शनि मंदिर में उड़द की दाल चढ़ाएं।

मिथुन:

आप अपने करियर में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेंगे, लेकिन अपने परिवार और खुद की उपेक्षा न करें।

दशम भाव में वक्री शनि व्यापार को नई दिशा और लाभ देगा।

बेरोजगारों के लिए अवसर, लेकिन कौशल सुधार आवश्यक।

अपनी दिनचर्या में योग और ध्यान को शामिल करें, आपको मानसिक शांति मिलेगी।

उपाय: काले तिल को पानी में भिगो दें।

कैंसर:

धर्म, प्रेम और स्वास्थ्य का संयोजन सफलता की कुंजी होगा।

नवम भाव में वक्री शनि आपकी धार्मिक यात्रा और विचारों की परीक्षा लेगा।

प्रेम जीवन में आपको विश्वास की परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।

अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, सिरदर्द और बुखार आपको परेशान कर सकते हैं।

उपाय: पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, शनिचरी अमावस्या विशेष दिन है।

शेर :

कुछ पुराना टूटेगा, कुछ नया बनेगा, लेकिन आध्यात्मिक चेतना आवश्यक है।

आठवें भाव में शनि का वक्री होना संपत्ति के मामलों में बड़े बदलाव लाएगा।

संपत्ति विवादों और अदालती मामलों से सुरक्षा आवश्यक है।

प्रेम और स्वास्थ्य दोनों में उतार-चढ़ाव की संभावना है।

उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें, शनि से राहत मिलेगी।

कन्या:

इन तीनों पर नजर रखें - रिश्ते, सौदे और समाधान।

सातवें भाव में शनि का वक्री होना आपके रिश्तों, विवाह और व्यापारिक सौदों को प्रभावित करेगा।

नौकरी में स्थानांतरण रुक जाएगा, लेकिन आपको उसी स्थान पर स्थिरता मिलेगी।

विद्यार्थियों के लिए शुभ उपाय: गरीब कन्याओं को मिठाई और कपड़े दान करें।

तुला:

ऋण, अदालत, करियर, धैर्य और ध्यान हर क्षेत्र में आवश्यक है।

चूंकि शनि छठे भाव में वक्री है, इसलिए आपको शत्रुओं, ऋण और रोग का सामना करना पड़ सकता है।

नए कौशल या पाठ्यक्रम शुरू करना अच्छा रहेगा।

लाभ अर्जित होने से पहले ही रुक सकता है, धैर्य रखें।

उपाय: शनिवार को लोहे की वस्तुएं दान करें।

वृश्चिक :

निवेश से लाभ संभव है और प्रेम से स्थिरता संभव है, बस विश्वास रखें।

पंचम भाव में वक्री शनि आपको प्रेम, शिक्षा और निवेश में स्थिरता प्रदान करेगा।

पुराने निवेश से लाभ होगा, लेकिन यात्रा से हानि संभव है।

बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

उपाय: काली गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं।

संपत्ति :

घर और काम के बीच संतुलन बिगड़ सकता है, संतुलन ही एकमात्र समाधान है

चतुर्थ भाव में वक्री शनि घर, वाहन, माता और करियर के बीच संघर्ष लाएगा।

नौकरी के अच्छे अवसर हैं लेकिन निर्णय लेने में देरी न करें।

विवाह में विलम्ब होगा, लेकिन विलम्ब के बावजूद भी सफलता मिलेगी।

उपाय: शनिवार को सूर्यास्त के बाद शनि मंदिर जाएं और दर्शन करें।

मकर:

आप शनि की संतान हैं, इस वक्री गति को तपस्या समझें।

तीसरे भाव में वक्री शनि आपके साहस, विचारों और रिश्तों की परीक्षा लेगा।

गुप्त योजनाओं और यात्रा से सफलता मिलेगी, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब रह सकती है।

प्रेम जीवन में असुरक्षा का भय आपको सताएगा।

उपाय: शनिदेव को काला चश्मा, काले वस्त्र और छाता अर्पित करें।

कुंभ राशि :

खर्चों पर नियंत्रण और मन पर नियंत्रण से ही सफलता मिलेगी।

दूसरे भाव में वक्री शनि वाणी, पारिवारिक विवाद और धन को प्रभावित करेगा।

जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें, विशेषकर वित्तीय निर्णय।

बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

उपाय: शनि अमावस्या पर गरीबों को भोजन कराएं।

मीन राशि:

सब कुछ आप पर निर्भर करता है, केवल आत्मविश्वास ही आपको बचाएगा।

आपकी ही राशि में शनि का वक्री होना आत्मनिरीक्षण, विलंब, भ्रम और आध्यात्मिक विकास का समय लेकर आएगा।

काम पर दबाव रहेगा, लेकिन दृढ़ता से राहत मिलेगी।

प्रेम में धोखा या असफलता संभव है, सावधान रहें।

उपाय: जल में काले तिल डालकर शनिदेव को अर्घ्य दें।