प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद को लेकर विचाराधीन सिविल वाद की सुनवाई में मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व प्रभास पांडेय की ओर से अर्जी दाखिल कर रेवेन्यू सर्वेयर नियुक्त करने और हिंदुओं की तरफ से पैरवी की मांग की गई। इस पर कोर्ट ने मस्जिद पक्ष सहित अन्य पक्षकारों से आपत्ति दाखिल करने का अवसर दिया है।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव की तरफ से दाखिल सिविल वाद की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक जैन कर रहे हैं। सुनवाई की शुरुआत में मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता नसईरूज्जमा ने सुप्रीम कोर्ट के 16 जनवरी को पारित आदेश की कोर्ट को जानकारी दी, जिसमें केस की सुनवाई जारी रखने किंतु एडवोकेट कमीशन नियुक्त न करने का आदेश दिया गया है।
शाही ईदगाह की ओर से ऑनलाइन बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने कोर्ट के अपने कंसोलिडेटेड (एक साथ सुनवाई) करने के आदेश पर पुनर्विचार अर्जी दाखिल कर इसे वापस लेने की मांग की। इस पर वादी हरिशंकर जैन ने पुनर्विचार अर्जी पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। साथ ही अपनी ओर से रेवेन्यू सर्वेयर और हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी करने की मांग वाली अर्जी दाखिल की। इस पर मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी, प्रणव ओझा सहित अन्य अधिवक्ताओं की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया। वाद संख्या तीन के अधिवक्ता ने एडवोकेट कमीशन को निस्तारित करने की मांग की। मामले में पक्षकार भारत सरकार और एएसआई की ओर से अधिवक्ता मनोज सिंह की ओर से जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया। जबकि मुस्लिम पक्ष ने पक्षकार बनने की मांग की। कोर्ट ने कहा, 11 जनवरी के आदेश से सिविल वादों को कंसोलिडेटेड (एक साथ सुनवाई) करने का आदेश दिया गया था। एक केस को मुख्य मानकर सुनवाई करने का फैसला लिया गया है। कोर्ट ने सहयोग के लिए न्यायमित्र की जरूरत महसूस की और वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष गोयल को न्यायमित्र नियुक्त किया है। साथ ही कार्यालय को जरुरी दस्तावेज उन्हें मुहैया कराने का आदेश दिया है।
वाद संख्या चार की पैरवी कर रहे आशुतोष पांडेय ने वाद की पैरवी के कारण उन्हें धमकी दिए जाने का हवाला देते हुए एसएसपी मथुरा को सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश जारी करने की प्रार्थना की। जिस पर कोर्ट ने उन्हें सक्षम अधिकारी के समक्ष अर्जी देने को कहा है। इनका सिविल वाद में पक्षकार बनाने की अर्जी पर मंदिर पक्ष की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई। कोर्ट ने वाद संख्या 17 में मंदिर पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय सिंह सहित कुछ अन्य पक्षकारों की तरफ से दाखिल अन्य अर्जियों पर विपक्षी से आपत्ति दाखिल करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 30 जनवरी नियत की है।