
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में भारत की 6 रनों से ऐतिहासिक जीत में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने अहम भूमिका निभाई। इस जीत के बाद सिराज ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि मैच का पाँचवाँ दिन शुरू होने से पहले उन्होंने एक अनोखी तरकीब अपनाई थी। उन्होंने खुद को प्रेरित करने के लिए अपने फ़ोन के वॉलपेपर पर एक सकारात्मक वाक्य लिखा था, जिसका नतीजा मैच में उनके प्रदर्शन में साफ़ दिखाई दिया। सिराज ने इस मैच में कुल 9 विकेट लिए, जिनमें से 3 विकेट निर्णायक पाँचवें दिन लिए और भारत की जीत का रास्ता साफ़ किया।
केनिंग्टन ओवल में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के पाँचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ़ 35 रन और 4 विकेट चाहिए थे। इसी दौरान भारतीय गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने मैच का नतीजा बदल दिया। उन्होंने मैच शुरू होने से पहले अपना मनोबल बढ़ाने के लिए अपने फ़ोन के वॉलपेपर पर "मैं यह कर सकता हूँ" लिख दिया। यह तरकीब काम कर गई और सिराज ने पाँचवें दिन ही तीन अहम विकेट चटकाए, जिसमें आखिरी विकेट भी शामिल था, जिससे भारत को 6 रनों से यादगार जीत मिली। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज़ 2-2 से बराबर कर ली है।
सिराज की अनोखी चाल
सिराज ने बताया कि मैच के पांचवें दिन सुबह जब वह उठे तो उन्होंने खुद से कहा, "आज मुझे यह मैच जीतना है और मैं यह कर सकता हूँ।" खुद को और अधिक प्रेरणा देने के लिए उन्होंने अपने फोन का वॉलपेपर बदला और लिखा, "मैं यह कर सकता हूँ।" सिराज का मानना है कि इसी सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास ने उन्हें मैच में शानदार प्रदर्शन करने में मदद की।
पाँचवें दिन का रोमांच
पाँचवें दिन, जब इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ़ 35 रनों की ज़रूरत थी और उसके 4 विकेट बचे थे, सिराज गेंदबाज़ी करने आए। अपने पहले ही ओवर में उन्होंने क्रीज़ पर मौजूद बल्लेबाज़ जेमी स्मिथ को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद उन्होंने जेमी ओवरटन को भी पवेलियन भेजा। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम में नया जोश भर दिया।
हालांकि, प्रसिद्ध कृष्णा द्वारा जोश टोंग को आउट करने के बाद मैच फिर से रोमांचक हो गया। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ़ 11 रन चाहिए थे, जबकि भारत को सिर्फ़ 1 विकेट की ज़रूरत थी। ऐसे में सिराज ने एक बार फिर गेंद अपने हाथ में ली और उन्होंने गस एटकिंसन को क्लीन बोल्ड कर भारत को 6 रनों से ऐतिहासिक जीत दिला दी।
सिराज की मानसिक दृढ़ता और मैच जीतने की दृढ़ इच्छाशक्ति ने भारतीय टीम को जीत दिलाई। इस जीत के साथ, भारत ने अपने 93 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार विदेशी धरती पर 5 मैचों की श्रृंखला का अंतिम मैच जीतने का गौरव हासिल किया है, और इसका मुख्य श्रेय मोहम्मद सिराज के आत्मविश्वास और गेंदबाजी, दोनों को जाता है।