
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अयोध्या फोरलेन पर स्थित चौकड़ी (छावनी), मड़वानगर (बड़ेवन) और अकसड़ा (कलवारी) टोल प्लाजा संचालकों की ओर से स्टांप ड्यूटी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। इन टोल कंपनियों ने एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के साथ केवल 100 रुपये के स्टांप पेपर पर ठेका अनुबंध किया, जबकि करोड़ों रुपये की स्टांप ड्यूटी देनी चाहिए थी।
अब प्रशासन ने इस स्टांप घोटाले पर सख्त रुख अपनाते हुए तीनों कंपनियों पर कुल 3 करोड़ 51 लाख 93 हजार 400 रुपये का जुर्माना लगाया है। ये मामला जिलाधिकारी न्यायालय में चल रहा है, और अब जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने सभी फर्मों को 30 जून 2025 को दस्तावेजों के साथ कोर्ट में पेश होने का अंतिम मौका दिया है।
अगर टोल कंपनियां कोर्ट के आदेश की अनदेखी करती हैं, तो उन पर ब्याज समेत अतिरिक्त आर्थिक दंड लगाया जाएगा। इस घोटाले में शामिल कंपनियों में से कुछ ने एक साल के लिए टोल वसूली का ठेका लिया था, जबकि कुछ ने तीन महीने के लिए। इन कंपनियों ने सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाया है।
सहायक महानिरीक्षक निबंधन देवेन्द्र कुमार की जांच में इन अनियमितताओं की पुष्टि हुई, जिसके बाद 24 दिसंबर 2024 को इन कंपनियों के खिलाफ वाद दर्ज किया गया था।
सबसे बड़ा जुर्माना शिवा कॉर्पोरेशन (छावनी टोल प्लाजा) पर 2 करोड़ 52 लाख 54 हजार 640 रुपये का लगाया गया है। वहीं बड़ेवन टोल पर रिद्धि-सिद्धि एसोसिएट्स पर 86 लाख 11 हजार और अकसड़ा टोल पर लालजी पाठक की कंपनी पर 13 लाख 27 हजार 160 रुपये का दंड तय किया गया है।
इन जुर्मानों के साथ ही अनुबंध की तिथि से लेकर वास्तविक भुगतान की तिथि तक हर महीने 1.5% ब्याज की दर से अतिरिक्त वसूली का आदेश भी दिया गया है।
भारतीय स्टांप अधिनियम की धारा 33 के तहत की गई इस कार्रवाई से जिले में संचालित सभी टोल कंपनियों में हड़कंप मच गया है।