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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जिले में अब कोई भी कोचिंग संस्थान स्कूल के निर्धारित समय में संचालित नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने यह आदेश जारी किया है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य बच्चों की नियमित स्कूल उपस्थिति सुनिश्चित करना और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना है।

स्कूल समय में कोचिंग पकड़े जाने पर तत्काल बंद

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई कोचिंग संस्थान स्कूल की अवधि में चलता पाया गया, तो उसे तत्काल बंद करा दिया जाएगा। साथ ही कोचिंग संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी शिक्षकों पर भी नजर

अगर कोई सरकारी स्कूल का शिक्षक किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ाते हुए पाया गया, तो उस पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक अपने मूल कार्य—शाला शिक्षण—में ही ध्यान केंद्रित करें।

बिना पंजीयन चल रहे हैं हजारों कोचिंग सेंटर

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले में लगभग छह सौ पंजीकृत कोचिंग संस्थान हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त तीन हजार से अधिक कोचिंग संस्थान बिना पंजीयन के चल रहे हैं। इनमें कई तो एक कमरे या किसी घर के एक कोने में संचालित हो रहे हैं, खासकर दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए।

मानकों के अनुरूप नहीं तो होगी सीलिंग

अब सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संचालित कोचिंग संस्थानों को चिन्हित करें। जो संस्थान तय मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें सील कर दिया जाएगा और संचालकों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अनुपस्थित छात्रों के नाम होंगे रद्द

प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वे छात्रों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान दें। अगर कोई छात्र लगातार 15 दिनों तक स्कूल नहीं आता है, तो उसके अभिभावकों को सूचित किया जाएगा। उसके बाद भी उपस्थिति नहीं होने पर नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।

कोचिंग में जा रहे हैं, स्कूल नहीं आ रहे छात्र

यह देखा गया है कि कई छात्र नियमित रूप से कोचिंग संस्थानों में तो जा रहे हैं, लेकिन स्कूल नहीं आते। ऐसे मामलों में संबंधित छात्र का नामांकन रद्द कर उसके स्थान पर अन्य छात्र को प्रवेश दिया जाएगा।