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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 13 सैनिक मारे गए और 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब एक सैन्य काफिला उत्तर-पश्चिमी जिले से गुज़र रहा था। यह इलाका अफ़गान सीमा के नज़दीक है और लंबे समय से आतंकवाद से प्रभावित है।

बताया जा रहा है कि सुबह 7:40 बजे एक बड़ी आत्मघाती कार ने पाकिस्तानी सेना के एमआरएपी वाहन को टक्कर मार दी। यह विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) इकाई से जुड़ा था। सैन्य वाहन नागरिक क्षेत्रों में बमों को निष्क्रिय करने के लिए ड्यूटी पर था।

इस हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को काफिले में घुसा दिया, जिससे बड़ा विस्फोट हुआ। इस हमले में कई सैनिक भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) या इससे जुड़े किसी समूह का इसमें हाथ हो सकता है। इलाके में पहले भी इस तरह के घातक हमले हो चुके हैं। सेना और सुरक्षा एजेंसियां ​​इलाके में तलाशी अभियान चला रही हैं, जबकि घायलों को पास के सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 में पाकिस्तान दूसरे स्थान पर

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में मरने वालों की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है। जहां 2023 में आतंकवादी हमलों में 748 लोग मारे गए, वहीं 2024 में यह संख्या 1,081 तक पहुंच गई है, जो लगभग 45% की वृद्धि है।

इस वृद्धि के कारण पाकिस्तान अब दुनिया में आतंकवाद से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्र चरमपंथी गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं, जहां सुरक्षा बलों और नागरिकों दोनों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।