
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : राज्य के सरकारी विद्यालयों में पांचवीं एवं छठी कक्षा के ऐसे बच्चे चिन्हित किए जाएंगे जो संख्या की पहचान और जोड़-घटाव करने में असमर्थ हैं। इन बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान विशेष समर कैंप में गणित की शिक्षा दी जाएगी।
कोई मानदेय नहीं, स्वयंसेवी योगदान
2 जून से आयोजित होने वाले इन गणितीय समर कैंपों में स्वयंसेवक प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटे तक बच्चों को पढ़ाएंगे। स्वयंसेवकों की उम्र कम-से-कम 18 वर्ष होगी और न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास निर्धारित की गई है। यह कार्य पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा और इसके लिए कोई मानदेय प्रदान नहीं किया जाएगा।
'प्रथम' संस्था के सहयोग से एक लाख टोलों तक पहुंचेगा कैंप
शिक्षा विभाग और स्वयंसेवी संस्था 'प्रथम' के सहयोग से लगभग एक लाख गांव-टोलों में इस कैंप का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक कैंप में एक स्वयंसेवक होगा जो प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों को पढ़ाएगा। स्वयंसेवकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण का दायित्व भी 'प्रथम' संस्था के पास होगा।
स्मार्टफोन और डिजिटल टूल का होगा प्रयोग
चयनित स्वयंसेवकों के लिए स्मार्टफोन चलाने की योग्यता आवश्यक होगी। उन्हें गणित एवं भाषा के प्रति रुचि रखने के साथ डिजिटल टूल जैसे यूट्यूब, गूगल लेंस, गूगल ट्रांसलेट, जीमेल, गूगल मैप्स, जेमिनी एआई और गूगल सर्च की ट्रेनिंग दी जाएगी। स्वयंसेवकों के रूप में एससीईआरटी, डायट, मास एडुकेशन, जीविका, बीएसडीएम, केवाईपी, नेहरू युवा केंद्र, साइंस एवं टेक्नोलॉजी छात्र, उच्चतर माध्यमिक छात्र तथा स्थानीय समुदाय के लोग भाग लेंगे।
20 मई से तैयारी, 20 जून तक चलेगा कैंप
शिक्षा विभाग ने जानकारी दी है कि समर कैंप 20 मई से 20 जून तक चलेंगे। तैयारी 20 मई से शुरू होकर 30 मई तक चलेगी, जबकि कक्षाएं 2 जून से शुरू होंगी। कक्षाएं सुबह 7 से 9 बजे या शाम 5 से 7 बजे तक आयोजित की जाएंगी।
सतत निगरानी और ऑनलाइन ट्रैकिंग
समर कैंप की गतिविधियों की निगरानी जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के अधिकारी तथा 'प्रथम' संस्था की टीम करेगी। बच्चों की प्रगति की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी की जाएगी। अंतिम मूल्यांकन 21 जून को होगा।