
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता को मजबूत करने और केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत देश के 35 से अधिक बड़े विपक्षी नेताओं को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 'तानाशाही' के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एक साथ आने और मिलकर लड़ने का आह्वान किया है।
तेजस्वी यादव का यह कदम ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ रहे हैं और विपक्षी खेमे में सीट बंटवारे व एकजुटता को लेकर कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। उन्होंने अपने पत्र में केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने, लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि यह समय है जब सभी प्रगतिशील और समान विचारधारा वाले दल अपने मतभेदों को भुलाकर देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक मंच पर आएं।
इस पत्र में तेजस्वी ने विभिन्न राज्यों में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को भी उठाया है। उन्होंने सभी नेताओं से आग्रह किया है कि वे इन मुद्दों पर एकजुट होकर जनता के बीच जाएं और सरकार की नीतियों का विरोध करें।
तेजस्वी यादव का यह पत्र विपक्षी दलों के बीच नई ऊर्जा भरने और उनके बीच समन्वय बनाने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस आह्वान का विपक्षी नेताओं पर कितना असर होता है और क्या वे वाकई आने वाले समय में एक मजबूत और एकजुट मोर्चा बना पाते हैं या नहीं।