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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने अब बिना मान्यता वाले स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे ऐसे स्कूलों के खिलाफ विभाग ने सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। साफ शब्दों में कहें तो, जो भी स्कूल बिना सरकारी मान्यता के चल रहे हैं, वे पूरी तरह से अवैध हैं और उन पर तुरंत लगाम लगाई जाएगी।

विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर एक लाख रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से संचालित न हो और बच्चों को सही शिक्षा मिल सके।

विभाग ने बताया है कि स्कूल चलाने के लिए मान्यता लेना बेहद ज़रूरी है, जिसके लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया में कई नियमों का पालन करना होता है, जैसे स्कूल का भवन कैसा है, क्या खेलने का मैदान है, शौचालय और पीने के पानी की उचित व्यवस्था है या नहीं। साथ ही, शिक्षकों की योग्यता भी जांची जाएगी। अगर इन मानकों को पूरा नहीं किया जाता, तो मान्यता नहीं मिलेगी।

अगर किसी वजह से मान्यता का आवेदन रद्द होता है, तो स्कूल प्रबंधन के पास अपील करने का भी मौका होगा। लेकिन, अगर अपील भी खारिज हो जाती है या कोई स्कूल मान्यता के बिना ही चलता रहता है, तो उसके खिलाफ फौरन कार्रवाई होगी।

सरकार ने सभी अमान्य स्कूलों को साफ चेतावनी दी है कि वे तुरंत अपनी मनमानी बंद करें। जिलाधिकारी (DM) और उप-जिलाधिकारी (SDM) को ऐसे स्कूलों को बंद करने का पूरा अधिकार दिया गया है। इस कड़े कदम का मुख्य मकसद बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना है, ताकि कोई भी स्कूल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न कर सके और माता-पिता भी धोखाधड़ी से बच सकें।