
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे पारंपरिक भारतीय स्नैक्स पर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है। यह दावा तेज़ी से वायरल हुआ और लोगों को गुमराह किया गया कि अब सरकार उनके पसंदीदा स्ट्रीट फ़ूड पर भी प्रतिबंध लगाने वाली है। लेकिन पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें कहा गया था कि समोसा, जलेबी, लड्डू जैसे खाद्य पदार्थों में छिपे फैट और शुगर के कारण स्वास्थ्य चेतावनी लगाई जाएगी।
Some media reports claim that the Ministry of Health & Family Welfare, Government of India has issued a health warning on food products such as samosas, jalebi, and laddoo. This claim is fake. The advisory of the Union Health Ministry does not carry any warning labels on food… pic.twitter.com/uGBNFaI4K5
— ANI (@ANI) July 15, 2025
पीआईबी फैक्ट चेक द्वारा ट्विटर (अब X) पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा गया है: "@MoHFW_INDIA ने समोसे, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य पदार्थों पर कोई स्वास्थ्य चेतावनी नहीं दी है। यह दावा पूरी तरह से झूठा है।" स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी स्थानीय विक्रेता या पारंपरिक नाश्ते को विशेष रूप से निशाना नहीं बनाया।
पीआईबी ने स्पष्ट किया - "कोई चेतावनी जारी नहीं की गई"
स्वास्थ्य सलाह क्या है?
पीआईबी के अनुसार, यह सलाह सिर्फ़ एक व्यवहारिक संकेत है, यानी लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने खाने में छिपी चीनी और वसा पर ध्यान दें। यह किसी ख़ास व्यंजन के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि एक सामान्य सलाह है कि लोग कार्यस्थल और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सेहतमंद विकल्प चुनें और ज़्यादा तेल-चीनी से बचें।
ऐसा स्पष्टीकरण क्यों आवश्यक है?
भारत में स्ट्रीट फ़ूड सिर्फ़ खाना नहीं, हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा है। ख़ासकर उत्तर भारत में तो हर ख़ास मौके पर चाट, समोसे, जलेबी और मिठाइयाँ खाई जाती हैं। ऐसे में जब ऐसी भ्रामक ख़बरें फैलती हैं कि सरकार इन पर प्रतिबंध लगाने वाली है या चेतावनी जारी करने वाली है, तो लोगों में भ्रम फैलना स्वाभाविक है।
तो अगली बार जब आप जलेबी-समोसे का स्वाद चखें तो यह जरूर सोचें कि संतुलन और स्वस्थ विकल्प भी जरूरी हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।