
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में चल रही 'विद्युत सखी योजना' को अब और विस्तार दिया जा रहा है। इस योजना के तहत गांव-गांव में बिजली बिल वसूली का जिम्मा निभाने वाली 'विद्युत सखियों' की संख्या में इज़ाफा किया जा रहा है। अब योजना के तहत 16,000 से अधिक नई विद्युत सखियों को जोड़ा जाएगा।
इस समय 14,229 सखियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। योजना का लक्ष्य है कि कुल 31,000 विद्युत सखियों को तैयार किया जाए। इसके लिए योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं – अब हर दो ग्राम पंचायतों के लिए एक विद्युत सखी की नियुक्ति की जाएगी, जबकि पहले चार ग्राम पंचायतों पर एक सखी होती थी।
योजना की शुरुआत और सफलता
विद्युत सखी योजना की शुरुआत मई 2020 में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आय का जरिया देना और ग्रामीण स्तर पर बिजली बिल वसूली को प्रभावी बनाना था। यह योजना यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ICICI बैंक और तकनीकी सहयोगी संस्था CEEW के साथ मिलकर चलाई जा रही है।
योजना अब तक बेहद सफल रही है। विद्युत सखियों ने बिजली बिल वसूली के रूप में अब तक कुल 2,100 करोड़ रुपये का राजस्व जमा किया है। इसके बदले उन्हें लगभग 26.56 करोड़ रुपये का कमीशन मिला, जिसमें से 13.40 करोड़ रुपये अकेले वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिले।
नई सखियों की भर्ती और प्रशिक्षण
योजना के विस्तार के तहत 15,127 और महिलाएं पहले ही रजिस्टर की जा चुकी हैं। उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे जल्द ही काम में उतर सकें। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। अब तक 438 विद्युत सखियां “लखपति दीदी” की श्रेणी में आ चुकी हैं और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी।
निष्क्रिय सखियों की पहचान
विभाग ने यह भी बताया है कि कुछ सखियां सक्रिय रूप से काम नहीं कर रही हैं। ऐसी महिलाओं की पहचान कर उन्हें फिर से प्रेरित किया जा रहा है। अगर वे सक्रिय नहीं होतीं, तो उनकी जगह दूसरी महिलाओं को मौका दिया जाएगा।
साल दर साल बढ़ता प्रदर्शन
विद्युत सखियों ने बीते वर्षों में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है:
2021-22 में ₹87 करोड़
2022-23 में ₹262 करोड़
2023-24 में ₹466 करोड़
और सिर्फ पिछले वित्तीय वर्ष में ₹1045 करोड़ का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही अब तक 169 करोड़ रुपये का बिजली बिल इन्होंने जमा करवा दिया है। इसके साथ ही OTS योजना के तहत भी 303 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।