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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पूरा दिन इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी सुबह की शुरुआत कैसे करते हैं। अगर सुबह की शुरुआत स्वस्थ तरीके से होगी, तो आप पूरे दिन ऊर्जावान बने रहेंगे। आजकल सुबह की एक सरल दिनचर्या काफ़ी लोकप्रिय हो रही है। इसमें गर्म पानी पीना और मलासन में बैठना शामिल है। कई विशेषज्ञों का दावा है कि ये दोनों गतिविधियाँ सिर्फ़ एक हफ़्ते में शरीर में ज़बरदस्त बदलाव ला सकती हैं। हालाँकि, कई लोगों को अभी भी संदेह है कि मलासन और गर्म पानी पीने से वास्तव में इतने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। तो आइए, सात दिनों तक रोज़ सुबह गर्म पानी के साथ मलासन करने के फ़ायदों को विस्तार से समझते हैं...

मालासन के साथ गर्म पानी को क्यों लाभकारी माना जाता है?

कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म पानी के साथ मलासन करने के सिर्फ़ सात दिनों में ही उनकी सुबहें पूरी तरह बदल गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कमर और कूल्हों की अकड़न कम हुई है, पाचन क्रिया बेहतर हुई है, पेट फूलना कम हुआ है, और मन शांत हुआ है तथा ध्यान केंद्रित करना आसान हुआ है। इसके अलावा, विशेषज्ञों का कहना है कि मलासन से पहले गर्म पानी पीने से उन्हें बिना किसी डाइटिंग या भारी व्यायाम के भूख को नियंत्रित करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिली है।

यह सुबह की दिनचर्या वैज्ञानिक रूप से कैसे काम करती है?

एनआईएच के शोध के अनुसार, उकड़ू बैठने से एनोरेक्टल कोण (एनोरेक्टल एंगल) बढ़ता है, जो मलाशय और गुदा नलिका के बीच का कोण होता है। इससे निचले पाचन तंत्र को भी काम करने में आसानी होती है। एक यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण में पाया गया कि प्रतिदिन लगभग 200 मिलीलीटर गर्म पानी पीने से मल त्याग में तेजी आती है। साथ ही, गर्म पानी जठरांत्र संबंधी ऐंठन को कम करता है और आंतों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन में सुधार होता है।

जल और मालासन के दोहरे लाभ

विशेषज्ञों का कहना है कि मलासन और पानी के साथ-साथ दोहरा लाभ होता है। मलासन शरीर की स्थिति को बेहतर बनाता है, जबकि गर्म पानी आंतों को भीतर से सक्रिय करता है। मुद्रा और जलयोजन का यह संयोजन पूरे पाचन तंत्र को कुशल बनाता है। हालाँकि इस दिनचर्या पर कोई दीर्घकालिक शोध नहीं है, लेकिन शोध बताते हैं कि यह संयोजन बहुत मददगार हो सकता है।

इस दिनचर्या को कैसे अपनाएं?

इस दिनचर्या को अपनाने के लिए, गर्म पानी से शुरुआत करें। गर्म पानी पिएं और फिर मलासन की मुद्रा में आ जाएं। अपने पैरों को अपने कूल्हों से थोड़ा चौड़ा करके खड़े हो जाएं। फिर धीरे-धीरे स्क्वाट की मुद्रा में आ जाएं, अपनी एड़ियों को ज़मीन पर टिकाएं। फिर, अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा और छाती को खुला रखें। अब, इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक गहरी सांस लेते रहें। यह मुद्रा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को घुटनों, कूल्हों, टखनों या पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है, उन्हें इस मुद्रा में बैठने से बचना चाहिए।