
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गर्मियों की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी और लू का असर साफ दिखने लगा है। ऐसे में लोग राहत पाने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं, और टिहरी झील (उत्तराखंड) एक प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरी है। खासकर वीकेंड पर यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
कोटी कॉलोनी बनी साहसिक पर्यटन का केंद्र
टिहरी जिले में स्थित कोटी कॉलोनी में बोटिंग प्वाइंट खुलने के बाद से साहसिक गतिविधियों में भारी इजाफा देखने को मिला है। यहां से टिहरी झील का शानदार नज़ारा और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। झील में बोटिंग करने का शुल्क ₹300 से ₹1000 तक रखा गया है, जो लोगों के बजट में भी फिट बैठता है।
वीकेंड पर पांच हजार से ज्यादा पर्यटक
शुक्रवार से रविवार तक वीकेंड के दौरान कोटी कॉलोनी में प्रतिदिन करीब 5,000 पर्यटक पहुंच रहे हैं। सामान्य दिनों में भी ढाई से तीन हजार पर्यटक यहां बोटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। स्थानीय युवाओं के लिए यह स्वरोजगार का अच्छा अवसर बन गया है, जो चाय, मैगी, स्नैक्स और स्थानीय उत्पादों के जरिए अपनी आजीविका चला रहे हैं।
डोबरा पुल के पास भी पर्यटन को बढ़ावा
टिहरी झील के डोबरा क्षेत्र में नया बोटिंग प्वाइंट खुलने के बाद वहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। विभाग द्वारा बोट संचालकों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिससे यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से नए आयाम स्थापित कर रहा है।
स्थानीय युवाओं को मिला रोजगार
बोटिंग पॉइंट पर 104 बोट्स का संचालन हो रहा है। यह केवल पर्यटन को बढ़ावा ही नहीं दे रहा, बल्कि स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार का मजबूत जरिया भी प्रदान कर रहा है। बोट यूनियन संयोजक कुलदीप पंवार और बोट संचालक मोहित रावत के अनुसार, बढ़ती पर्यटक संख्या से स्थानीय समुदाय को सीधा लाभ हो रहा है।
प्रशासन भी दे रहा सहयोग
जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा ने बताया कि विभाग की ओर से बोट संचालकों और पर्यटकों को हरसंभव सुविधा और सहयोग दिया जा रहा है, जिससे टिहरी झील को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा सके।