Prabhat Vaibhav,Digital Desk : छठ महापर्व खत्म होते ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से बाहर जाने वाले यात्रियों की भीड़ तेजी से बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई पूजा स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है। ये ट्रेनें बिहार, पूर्वी यूपी और पूर्वोत्तर भारत से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जलपाईगुड़ी जैसे बड़े शहरों तक विशेष रूप से चलाई जा रही हैं।
रेलवे के मुताबिक, 28 अक्टूबर से 1 नवम्बर 2025 के बीच कुल 8 पूजा विशेष गाड़ियाँ अलग-अलग रूटों पर चलेंगी। इन ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा के लिए एसी, स्लीपर और जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि भीड़ में किसी को दिक्कत न हो।
छपरा से दिल्ली, मुंबई और आनंद विहार के लिए स्पेशल ट्रेनें
छपरा-दिल्ली पूजा स्पेशल (05615/05616)
28 अक्टूबर को छपरा से और 30 अक्टूबर को दिल्ली से चलेगी।
रास्ते में बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, लखनऊ, हरदोई, मुरादाबाद और गाजियाबाद जैसे प्रमुख स्टेशन पड़ेंगे।
छपरा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस (मुंबई) पूजा स्पेशल (05587/05588)
30 अक्टूबर और 1 नवम्बर को क्रमशः छपरा और मुंबई से रवाना होगी।
यह गोरखपुर, झांसी, भोपाल, इटारसी, नासिक और कल्याण होकर मुंबई पहुंचेगी।
छपरा-आनंद विहार अनारक्षित पूजा स्पेशल (05589/05590, 05085/05086)
29 और 30 अक्टूबर को संचालित होगी।
यह ट्रेनें सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए हैं, ताकि सभी को यात्रा का मौका मिले।
सिवान और लालकुआं से भी स्पेशल ट्रेनों की सुविधा
सीवान-न्यू जलपाईगुड़ी अनारक्षित पूजा स्पेशल (05682/05681)
29 और 30 अक्टूबर को चलेगी।
बिहार के कई शहरों से गुजरते हुए यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी तक जाएगी।
सीवान-कोलकाता अनारक्षित पूजा स्पेशल (05584/05583)
29 और 30 अक्टूबर को संचालित होगी।
यह छपरा, हाजीपुर, बरौनी, किऊल, झाझा और आसनसोल होते हुए कोलकाता पहुंचेगी।
लालकुआं-छपरा अनारक्षित पूजा स्पेशल (05082)
28 अक्टूबर को लालकुआं से रवाना हुई।
यह गोरखपुर और सिवान होते हुए छपरा पहुंचेगी।
रेल प्रशासन ने बताया कि इन सभी स्पेशल ट्रेनों में 17 से 22 कोच होंगे जिनमें एसी, स्लीपर, सेकंड क्लास और जनरल डिब्बे शामिल हैं।
साथ ही, सभी मंडलों को स्वच्छता, सुरक्षा और समय पर संचालन के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि छठ पर्व के बाद यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इन ट्रेनों की व्यवस्था की गई है ताकि किसी को यात्रा में असुविधा न हो और सभी सुरक्षित घर लौट सकें।




