
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती खाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। इससे उस पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है, जिसकी समय सीमा बुधवार (27 अगस्त) को समाप्त हो रही है। नई टैरिफ व्यवस्था से भारत के कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। फार्मा, ऑटोमोटिव कंपोनेंट और सौर उपकरण क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ के कारण पूंजीगत वस्तुओं, रसायनों, ऑटोमोबाइल, खाद्य एवं पेय पदार्थों के निर्यात में मुश्किलें आ सकती हैं। कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जिन पर टैरिफ का कम असर पड़ने की उम्मीद है। इनमें दूरसंचार, आईटी, बैंक और रियल एस्टेट शामिल हैं।
फार्मास्यूटिकल्स - भारत अमेरिका को लगभग 10 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएँ भेजता है, जो देश के फार्मा निर्यात का 31-35 प्रतिशत है। अगर इसमें कोई राहत नहीं मिली, तो अमेरिकी बाज़ार को सस्ती दवाएँ नहीं मिल पाएंगी।
कपड़ा - भारत के कपड़ा निर्यात का लगभग 28 प्रतिशत अमेरिका जाता है। अमेरिका में भारतीय परिधानों पर पहले 10-12 प्रतिशत टैरिफ था, लेकिन अब यह बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। इस क्षेत्र पर दबाव पड़ सकता है।
सौर उपकरण - ऊर्जा क्षेत्र पर इसका सीधा असर पड़ने की उम्मीद कम है। हालाँकि, सौर पीवी सेल और मॉड्यूल निर्यातकों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ये क्षेत्र टैरिफ से कम प्रभावित हो सकते हैं
कुछ क्षेत्र टैरिफ के प्रभाव से बच सकते हैं। आईटी, रियल एस्टेट, बैंक, बिजली और पूंजीगत सामान अपेक्षाकृत कम प्रभावित होंगे।
ट्रंप ने चीन को राहत दी, लेकिन भारत पर और टैरिफ लगाए
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाए हैं, लेकिन भारत पर दबाव बढ़ा दिया है। ट्रंप इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदता है। एक और अहम बात यह है कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन उसने उस पर कम टैरिफ लगाए हैं।