Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। जल्द ही पटरियों पर चलने वाली 'वंदे भारत स्लीपर ट्रेन' का सफल परीक्षण हो चुका है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हाई-स्पीड ट्रेन का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें ट्रेन की गति और स्थिरता देखकर हर कोई दंग रह गया है। खास बात यह है कि 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के बावजूद ट्रेन में रखे गिलास से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी।
वंदे भारत जलपरीक्षा में सफल रहा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार (30 दिसंबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस ऐतिहासिक क्षण का एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन पूरी रफ्तार से चल रही है, फिर भी उसके अंदर मेज पर रखे पानी से भरे गिलास में कोई हलचल नहीं है। रेलवे की भाषा में इसे 'जल परीक्षण' कहा जाता है, जो ट्रेन के संतुलन की जांच करने और यात्रियों को झटके रहित यात्रा प्रदान करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण नई पीढ़ी की ट्रेन की उन्नत तकनीक और बेहतर सस्पेंशन सिस्टम का प्रमाण है।
कोटा-नागदा सेक्शन पर हुआ ट्रायल रन
मंत्री जी ने अपने पोस्ट में बताया कि यह परीक्षण रेल सुरक्षा आयुक्त की देखरेख में किया गया था। यह परीक्षण कोटा-नागदा खंड के बीच किया गया, जहां ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। यह सफलता भारतीय इंजीनियरिंग कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
स्लीपर वर्जन जल्द ही लॉन्च किया जाएगा
भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के दो प्रोटोटाइप तैयार किए हैं, जो पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। देश में वर्तमान में चल रही वंदे भारत ट्रेन केवल बैठने की व्यवस्था (चेयर कार) के साथ ही चलती है, लेकिन यह स्लीपर संस्करण लंबी दूरी की यात्रा के लिए वरदान साबित होगा। ट्रेन फिलहाल परीक्षण के अंतिम चरण में है और सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद यात्रियों के लिए खोल दी जाएगी।




