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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार की राजनीति में एक बार फिर जीतनराम मांझी का परिवार चर्चा में है। इस बार उनकी सबसे छोटी बेटी पुष्पा मांझी ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि अंतिम फैसला उनके पिता, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के हाथ में है। पुष्पा की पसंद का क्षेत्र है – गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा सीट।

दिलचस्प बात यह है कि फिलहाल इस सीट पर उनकी समधिन ज्योति देवी विधायक हैं, जिन्होंने 2020 में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2010 में वे जदयू के टिकट पर भी जीत चुकी थीं। खुद जीतनराम मांझी भी इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2010 में उनके क्षेत्र बदलने पर ही ज्योति देवी को मौका मिला था।

अब अगर पुष्पा मांझी को बाराचट्टी से टिकट मिलता है, तो ज्योति देवी को क्षेत्र बदलना पड़ेगा। पुष्पा का कहना है कि वे बीते 10 वर्षों से इलाके में सक्रिय हैं और खास तौर पर महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने भरोसे के साथ कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया, तो जीत पक्की है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मांझी परिवार की राजनीति लालू यादव की पारिवारिक राजनीति से अलग है। उनके अनुसार, “हमारे परिवार के सदस्य जमीनी राजनीति करते हैं, न कि सिर्फ एसी में बैठकर फैसले।”

गौरतलब है कि पुष्पा इस समय बिहार सरकार की सेवा में हैं। वहीं जीतनराम मांझी हाल ही में अपने दामाद देवेंद्र मांझी को राज्य अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाए जाने के कारण भी चर्चा में हैं। विपक्षी दल राजद इस पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं।

इस समय मांझी परिवार से कई सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं – बहू दीपा मांझी, समधिन ज्योति देवी, पुत्र संतोष कुमार (विधान परिषद सदस्य और मंत्री), और खुद मांझी लोकसभा सांसद व केंद्र सरकार में मंत्री हैं। मांझी पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।