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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कोविड-19 के लिए डोलो "मुझे कोरोना है, डॉक्टर ने मुझे डोलो दिया है... मैं बस इसे खा रहा हूँ!" — आपने पिछले कुछ वर्षों में यह वाक्यांश कई बार सुना होगा। कोरोना महामारी के दौरान, डोलो 650 एक ऐसा नाम बन गया जिसने हर घर में जगह बना ली। बुखार हो या बदन दर्द, लोग बिना सोचे-समझे इस गोली का सहारा लेने लगे। लेकिन क्या डोलो खाना ही कोरोना जैसे गंभीर संक्रमण का एकमात्र इलाज है?

सिर्फ एक बाल्टी खाना ही पर्याप्त क्यों नहीं है?

डोलो बुखार को कम करता है, लेकिन यह वायरस को खत्म नहीं करता। इससे केवल अस्थायी राहत मिलती है, जिससे लोगों को लगता है कि वे अब ठीक हो रहे हैं, जबकि संक्रमण अंदर बढ़ रहा हो सकता है।

कोरोना एक वायरल संक्रमण है और DOLO का काम वायरस को खत्म करना नहीं है। इसके लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना और डॉक्टर द्वारा बताई गई उचित दवाएं लेना आवश्यक है।

कोरोना से न केवल बुखार हो सकता है, बल्कि सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, स्वाद और गंध का न महसूस होना और कमजोरी जैसे गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में DOLO लेना और अन्य लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

कोरोना वायरस का उचित उपचार?

कोरोना की पुष्टि होते ही डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग होता है, इसलिए दवाएं और उपचार भी व्यक्ति पर निर्भर करते हैं।

शरीर को पर्याप्त आराम और पानी देना बहुत महत्वपूर्ण है। नारियल पानी, काढ़ा, सूप और हल्का भोजन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन सी, डी, जिंक आदि का सेवन करें। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

पल्स ऑक्सीमीटर से नियमित रूप से SpO2 की जांच करें। यदि स्तर 94 से नीचे चला जाए तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

कोरोना को हल्के में लेना बड़ी भूल हो सकती है। डोलो केवल प्राथमिक उपचार दवा है, पूर्ण इलाज नहीं। सही समय पर सही इलाज और डॉक्टर की सलाह ही इस बीमारी से उबरने का सही तरीका है। आत्मनिर्भर होना ठीक है, लेकिन अज्ञानता में इलाज कराना खतरनाक भी हो सकता है।