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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हम अक्सर सुनते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए सही खान-पान बहुत ज़रूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप कभी-कभार जंक फ़ूड का सेवन भी कर लेते हैं, तो इसका आपके दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसे में आपको जंक फ़ूड खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक सामान्य मिल्कशेक भी आपके दिमाग को काफी नुकसान पहुँचा सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि मिल्कशेक आपके दिमाग तक पहुँचने वाले रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है। इससे स्ट्रोक और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह अध्ययन द जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशनल फ़िज़ियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन में क्या पाया गया

वसा हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए आवश्यक है। वसा शरीर के संरचनात्मक अंगों के निर्माण में मदद करती है। वसा घुलनशील विटामिनों का वहन करती है और विकास सहित कई आवश्यक जैविक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वसा दो प्रकार की होती है - संतृप्त वसा और असंतृप्त वसा। इनकी रासायनिक संरचना अलग होती है और शरीर पर इनके प्रभाव भी अलग-अलग होते हैं। इस नए अध्ययन में पाया गया है कि मिल्कशेक या तले हुए खाद्य पदार्थों जैसे उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का शरीर पर तत्काल नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह रक्त वाहिकाओं की सिकुड़ने की क्षमता को प्रभावित करता है, जो हृदय और मस्तिष्क दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।

शोध में पुरुषों के दो समूहों का अध्ययन किया गया, एक 18-35 वर्ष के बीच और दूसरा 60-80 वर्ष के बीच। उन्हें भारी वसा वाला आहार दिया गया, जिसमें विशेष रूप से एक मिल्कशेक शामिल था, जिसे 'ब्रेन बम' कहा जाता था क्योंकि इसमें बहुत अधिक व्हिपिंग क्रीम होती थी। इस पेय में लगभग 1362 कैलोरी और 130 ग्राम वसा थी, जो फास्ट फूड के बराबर थी।

शोध का परिणाम क्या था?

परिणामों से पता चला कि उच्च वसायुक्त आहार खाने से हृदय से जुड़ी रक्त वाहिकाओं के खुलने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है। वृद्ध लोगों में यह प्रभाव लगभग 10 प्रतिशत अधिक था, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वृद्धावस्था में मस्तिष्क ऐसे खाद्य पदार्थों के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि संतृप्त वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से न केवल हृदय स्वास्थ्य को खतरा होता है, बल्कि मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है। बुजुर्गों के लिए ऐसी चीजों से बचना विशेष रूप से ज़रूरी है क्योंकि उनके मस्तिष्क को पहले से ही स्ट्रोक और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा होता है।

हालाँकि एक या दो बार ज़्यादा वसा खाने से आपको तुरंत नुकसान नहीं होता, लेकिन इसका सेवन कम करना फ़ायदेमंद होता है। इसलिए, अपने दैनिक आहार में संतुलन बनाए रखना और संतृप्त वसा की मात्रा कम करना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होगा। याद रखें, उचित आहार से ही हम हृदय और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं।