
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जब भी स्वास्थ्य की बात आती है, तो सबसे पहले सलाद खाने की सलाह दी जाती है। चाहे वजन कम करना हो, पेट साफ रखना हो या त्वचा में चमक लाना हो, सलाद को सुपरफूड के तौर पर देखा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हजारों साल पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में सलाद के बारे में क्या कहा गया है?
हमारी दादी-नानी अक्सर कच्ची सब्जियों से बनी चीजों को लेकर थोड़ी सतर्क रहती थीं। वहीं, आधुनिक आहार विशेषज्ञ हर भोजन में सलाद शामिल करने की सलाह देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सलाद वाकई सभी के लिए सेहतमंद है? क्या इसे कभी भी खाया जा सकता है और क्या सभी को कच्ची सब्जियां खानी चाहिए? आयुर्वेद के अनुसार, हमारा पाचन तंत्र शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तंत्र है। जो भी चीज इस अग्नि को सपोर्ट करती है, वह शरीर के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
कच्ची सब्जियां और पाचन अग्नि
आयुर्वेद का मानना है कि कच्ची सब्ज़ियाँ पचाने में अपेक्षाकृत कठिन होती हैं। अगर किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र कमज़ोर है या उसे कफ की समस्या है, तो कच्चा सलाद खाने से गैस, अपच और पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है।
सलाद कब और कैसे खाएं
- दोपहर का समय सलाद खाने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि उस समय पाचन तंत्र सबसे मजबूत होता है।
- आयुर्वेद में रात में या खाली पेट सलाद खाना अनुचित माना गया है।
- सलाद को हल्का उबालकर या थोड़े से घी/नींबू के साथ खाने की सलाह दी जाती है।
सलाद के फायदे
- शरीर को फाइबर, विटामिन और खनिज प्रदान करता है
- वजन घटाने में मदद करता है.
- त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
- यदि पाचन तंत्र अच्छा है तो पाचन क्रिया बेहतर होती है।
सलाद से किसे बचना चाहिए?
- गैस, एसिडिटी या कब्ज की समस्या
- बुजुर्ग लोग या कमजोर पाचन तंत्र वाले बच्चे
- कच्ची सब्जियों से एलर्जी वाले लोग
कफ से पीड़ित लोग
सलाद सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन हर किसी का शरीर और पाचन तंत्र अलग-अलग होता है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि हर किसी के लिए कुछ भी सही नहीं होता। अगर सलाद को सही समय पर, सही मात्रा में और शरीर के अनुकूल तरीके से खाया जाए, तो यह न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि जीवनशैली को भी संतुलित करता है।