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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लुधियाना में शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मतदाताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन नेताओं को दिल्ली की जनता ने खारिज कर दिया, अब वही पंजाब में सत्ता पाने के लिए प्रयासरत हैं।

दिल्ली से पंजाब की ओर बढ़ती 'आप' की नजर

सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेता दिल्ली को कथित रूप से लूटने के बाद अब पंजाब की बारी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि "केजरीवाल सत्ता के बिना नहीं रह सकते। दिल्ली में हार मिलने पर वे एक दिन भी जनता के साथ नहीं खड़े हुए और पंजाब पहुंच गए।"

अमेरिकी नीति जैसा रवैया: सिरसा का आरोप

उन्होंने केजरीवाल की नीतियों की तुलना अमेरिका की विदेश नीति से की और कहा, “जिस तरह अमेरिका ने विकास के नाम पर इराक, अफगानिस्तान और लीबिया को तबाह किया, वैसे ही केजरीवाल दिल्ली के साथ कर चुके हैं और अब पंजाब को निशाना बना रहे हैं।”

‘आप’ के खिलाफ आरोपों की बौछार

सिरसा ने यह भी दावा किया कि दिल्ली की तरह अब आप पार्टी पंजाब में भी शराब और जमीन माफियाओं को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार 25,000 एकड़ जमीन निजी बिल्डरों को बेचना चाहती है, जिससे केवल पार्टी नेताओं की जेबें भरेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह लुधियाना में इसी "भ्रष्ट कार्यशैली" को उजागर करने आए हैं।

‘आप’ की योजनाओं को बताया दिखावा

सिरसा ने कई योजनाओं को महज विज्ञापन स्टंट करार दिया, जैसे:

पराली समाधान के नाम पर 2.8 लाख का केमिकल खरीदा गया और 32 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च कर दिए।

दलित छात्रों को 83 लाख की स्कॉलरशिप दी गई, लेकिन प्रचार पर खर्च हुए 50 करोड़।

ऑड-ईवन योजना के प्रचार पर ही 55 करोड़ रुपये फूंक दिए गए।

उन्होंने दावा किया कि आप सरकार अब पंजाब का पैसा भी दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए बहा रही है।

भाजपा को वोट देने की अपील

सिरसा ने लोगों से अपील की कि वे भाजपा उम्मीदवार जीवन गुप्ता को समर्थन दें और आप पार्टी के कथित लूटतंत्र को सत्ता से दूर रखें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों की संख्या को 344 मिलियन से घटाकर 75 मिलियन तक लाया है, और अगर भाजपा पंजाब में सत्ता में आती है तो विकास निश्चित होगा।

इस मौके पर भाजपा के कई नेता भी मौजूद थे, जिनमें अनिल सरीन, परमिंदर बराड़, रजनीश धीमान, गुरदेव शर्मा देबी, केडी भंडारी और नरेंद्र सिंह मल्ली प्रमुख थे।