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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सारण जिले में एससी/एसटी समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है। विभाग की सूकर विकास योजना के तहत इच्छुक लाभुकों को उन्नत नस्ल के दो मादा और एक नर सूकर की पूरी इकाई 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएगी।

योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 31 दिसंबर तक चलेगी। लाभुकों का चयन "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा।

गांवों में बढ़ेगा स्वरोजगार

सूकर पालन ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से आय देने वाला व्यवसाय माना जाता है। विभाग का मानना है कि यदि एससी/एसटी परिवारों को शुरुआती आर्थिक मदद दी जाए, तो वे कम लागत में स्थायी रोजगार खड़ा कर सकते हैं। सरकार लगभग पूरी इकाई की लागत स्वयं वहन कर रही है, जिससे लाभुकों पर आर्थिक बोझ बेहद कम रहेगा।

कुल लागत और सरकारी सहायता

एक इकाई में दो मादा सूकर और एक नर सूकर शामिल है।

दो मादा सूकर: ₹6,000 प्रति

एक नर सूकर: ₹7,500

कुल कीमत: ₹19,500

बीमा प्रीमियम (8%): ₹1,560

कुल इकाई लागत: ₹21,060

सरकार इस पूरी लागत का 90% यानी ₹18,954 की राशि देगी।
लाभुक को मात्र ₹2,106 देने होंगे, जो कुल लागत का केवल दस प्रतिशत है।

उच्च उत्पादन वाली नस्लें

लाभुकों को व्हाइट यार्कशायर, लैंडरेस, टेमवर्थ, टी एंड डी और झारसुक जैसी उन्नत नस्लें उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन नस्लों में प्रजनन क्षमता अधिक होती है और हर छह महीने में लगभग 12–14 बच्चे पैदा होते हैं। इस तरह एक वर्ष में दो मादा सूकर से 48–50 बच्चे तक मिल सकते हैं।

एक वर्ष में 5 लाख रुपये तक की कमाई

विशेषज्ञों का कहना है कि इन नस्लों के सूकर एक वर्ष में 80–100 किलो वजन तक पहुँच जाते हैं। बाजार में एक सूकर की औसत कीमत ₹10,000–₹12,000 मिलती है।
यदि सालभर में लगभग 50 सूकर तैयार होते हैं, तो पशुपालक पाँच लाख रुपये से अधिक की आय कमा सकते हैं।

लाभुकों के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध

योजना में चयनित लाभुकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए प्रति लाभुक ₹300 का प्रावधान है। इस प्रशिक्षण में आधुनिक पालन पद्धति, टीकाकरण, पोषण प्रबंधन और मार्केटिंग से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

सारण में सूकर पालन की बढ़ती संभावनाएँ

जिला पशुपालन विभाग के अनुसार, सारण का वातावरण सूकर पालन के लिए बेहद अनुकूल है। मांग में लगातार बढ़ोतरी और अच्छी नस्लें मिलने के कारण आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र स्थानीय रोजगार का बड़ा साधन बन सकता है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन की सुविधा

इच्छुक लाभुक जिला पशुपालन कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं, जबकि ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है।
आवेदकों को निम्न दस्तावेज लगाना अनिवार्य है:

पासपोर्ट साइज फोटो

पहचान पत्र

आवास प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी)

आधार कार्ड

बैंक पासबुक की प्रथम व अंतिम पृष्ठ की प्रति

विभाग ने लाभुकों से जल्द आवेदन करने की अपील की है, क्योंकि चयन केवल पहले आने वालों को प्राथमिकता देकर किया जाएगा।