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विचारों के जनपथ पर चलने वाले सच्चे गांधीवादी समाजवादी थे किशन पटनायक

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लखनऊ। राजधानी के गोमती नगर स्थित रॉयल ग्रुप हॉल मे समता संपर्क अभियान के तत्वाधान में प्रखर समजवादी चिंतक किशन पटनायक की पुण्य तिथि मनाई गयी। पुण्य तिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुभाष चंद्रा ने की। किशन पटनायक के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद एक़ विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने किशन पटनायक के संघर्षों को उद्धृत करते हुए उनके द्वारा सुझाये गए मार्ग पर चलकर समाजवादी समाज की स्थापना का संकल्प लिया।

संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व विधायक एवं समजवादी चिंतक सुभाष लाल श्रीवास्तव ने कहा कि किशन पटनायक जी डॉक्टर लोहिया द्वारा प्रतिपादित निराशा के कर्तव्य को अपना जीवन दर्शन बनाया। वह संसदीय राजपथ पर न चलकर विचारों के जनपथ पर चले। वह गांधी, जय प्रकाश और डॉ लोहिया के विचारों के मानने वाले सच्चे  गांधीवादी समाजवादी थे।

गोष्ठी को सम्बोधित करतें हुए विचारक श्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि किशन पटनायक शोषित पीड़ित दलित आदिवासी की इस देश मे आवाज थे। सोशलिस्ट विचारक आदित्य विक्रम सिंह ने कहा की किसन जी समाजवाद के शक्ति पुंज थे। समाजिक कार्यकर्ता एम मिश्रा ने कहा कि किशन पटनायक के रास्ते पर चल कर ही गाँधी के सपनो का भारत बनाया जा सकता है। मनीष श्रीवास्तव ने कहा युवा लोगो को पटनायक के रास्ते पर देश और समाज के कल्याण के लिए चलना चाहिए।

गोष्ठी का समापन करते हुए समता संपर्क अभियान यूपी के संयोजक विजय श्रीवास्तव ने कहा की किशन पटनायक के विचारों पर ही चलकर देश मे समता मूलक समाज बनाया जा सकता है। किशन पटनायक अहिंसात्मक समाजवादी क्रांति मे विश्वास करते थे। उनकी किताब 'विकल्प हीन नही है दुनिया,' पूजीवाद और अधिनायकवाद से त्रस्त लोगों के लिए एक़ आशा की किरण है। गोष्ठी मे शंकर जयराज, बीके सिंह, पवन राजपूत एवं ए. बाजपेई समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। 

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