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Bengali art Maa Durga : बंगाली कला ने बिखेरी अद्भुत छटा, मां दुर्गा की मनोहारी झलक ने लोगों का दिल लुभाया

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मीरजापुर। शक्ति नगरी विंध्य क्षेत्र में इस बार भी बंगाली कला छटा बिखेरेगी। मां दुर्गा की प्रतिमाएं अब आकार ले चुकी हैं। सुंदरघाट स्थित हरिसभा में मायापुर बंगाल के गोपाल पाल व तपन पाल सहित 15 हुनरमंद कलाकार दिन-रात मां दुर्गा की मूर्ति तैयार करने में जुटे हुए हैं। एक प्रतिमा तैयार करने में लगभग 15 से 40 हजार रुपया खर्च आ रहा है। मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नगर भर में आकर्षक, मनोहारी व मजबूत पंडाल तैयार किए जा चुके हैं। दशहरा मेले में लोग मां दुर्गा के सुंदर व मनोहारी रूप को देख अभिभूत हो उठते हैं।

नगर के सुंदरघाट में लगभग गत पांच दशकों से आकर्षक पंडाल में मां दुर्गा की स्थापना की जाती है। खास बात यह है कि हरिसभा के आंगन में ही जनपद भर के लिए मां दुर्गा की मूर्ति कारीगर तैयार करते हैं। साथ ही खुद इसी परिसर में आयोजक शंकर राय के निर्देशन में हरिसभा मां की मूर्ति स्थापना करके विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। 

मीरजापुर में मां दुर्गा पूजा और दशहरा महोत्सव का इतिहास काफी पुराना रहा है। जनपद की पूजा समितियां अपने-अपने स्तर से पंडालों को नया रूप देने का प्रयास करती हैं। मां दुर्गा की प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं। मां दुर्गा की पूजा के बाद प्रतिमा के दर्शन होते हैं। मां को देखने के लिए श्रद्धालुओं की उत्सुकता हमेशा रहती है। सुंदरघाट, तेलियागंज, टटहाई रोड, इमरती रोड, भैसहिया टोला समेत दर्जनों जगहों पर बनीं मां की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को भक्ति-भाव से ओत-प्रोत कर देंगी।

मूर्ति निर्माण स्थल: हरिसभा सुंदरघाट

कारीगर: मायापुर बंगाल के गोपाल पाल व तपन पाल सहित 12 कारीगर

कुल तैयार हो रही मूर्ति: 40

मूर्ति की लागत: 15 से 40 हजार

प्रमुख दुर्गा पंडाल

- हरिसभा सुंदरघाट, मीरजापुर।

- घंटेश्वर जन कल्याण सेवा समिति, घंटाघर।

- नव युवक सेवा समिति तेलियागंज।

- नव दुर्गा सेवा समिति टटहाई रोड।

- नवयुवक दुर्गा सेवा समिति इमरती रोड।

- दुर्गा सेवा समिति भैसहिया टोला।

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