
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बोचहां विधानसभा क्षेत्र जिले के पूर्वी अनुमंडल में शहर की सीमा से सटा हुआ है। यह क्षेत्र बोचहां और मुशहरी प्रखंड की 35 पंचायतों को मिलाकर बना है। पहले इसमें बंदरा प्रखंड भी शामिल था, लेकिन बाद में इसे अलग कर दिया गया। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.83 लाख मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 1.50 लाख और महिलामतदाता 1.33 लाख हैं।
बोचहां का राजनीतिक इतिहास
बोचहां विधानसभा का इतिहास काफी लंबा और दिलचस्प है। 1957 से 1962 तक इसे मुजफ्फरपुर मफस्सिल (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 63) कहा जाता था। 1967 में बोचहां विधानसभा अस्तित्व में आई और तब से अब तक यहां 15 विधानसभा चुनाव हुए।
रमई राम इस क्षेत्र के सबसे चर्चित नेता रहे हैं। उन्होंने 1972 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहली जीत हासिल की। उसके बाद 1980 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल, 1990 और 1995 में जनता दल, 2000, 2005 (फरवरी और अक्टूबर) में राजद और 2010 में जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर जीत दर्ज की।
2015 में वे निर्दलीय उम्मीदवार बेबी कुमारी से हार गए और 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान से 11,268 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
उपचुनाव और वर्तमान स्थिति
विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद 2022 में उपचुनाव हुआ। इसमें राजद ने उनके बेटे अमर पासवान को उम्मीदवार बनाया जबकि भाजपा ने बेबी कुमारी को मैदान में उतारा। अमर पासवान ने बेबी कुमारी को 36,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया।
इस बार फिर से बेबी कुमारी (लोजपा) और अमर पासवान (राजद) चुनावी मैदान में हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस अब तक जीत दर्ज नहीं कर पाई हैं।
मतदाता आंकड़े
वर्ष | कुल मतदाता | पुरुष | महिला |
---|---|---|---|
2015 | 2,52,407 | 1,34,142 | 1,18,262 |
2020 | 2,78,892 | 1,46,878 | 1,32,010 |
2025 | 2,83,988 | 1,50,583 | 1,33,404 |
मतदान प्रतिशत 2020 में 64.89% रहा।
बीते चुनावों की झलक
- 1967: सीता राम रजक (एसएसपी)
- 1972: रमई राम (एसएसडी)
- 1985: रमई राम (एलकेडी)
- 1990: रमई राम (जेडी)
- 2000: रमई राम (राजद)
- 2015: बेबी कुमारी (निर्दलीय)
- 2020: मुसाफिर पासवान (वीआईपी)
- 2022 उपचुनाव: अमर पासवान (राजद)
इस क्षेत्र के सीमावर्ती और शहरी इलाकों जैसे अखाड़ाघाट, जीरो माइल और अहियापुर का विकास उम्मीदवारों की जीत-हार तय करता है।