Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इस साल बदरीनाथ धाम में 16.60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि चारों धाम में कुल मिलाकर 50 लाख से भी अधिक यात्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अब जब सभी धामों के कपाट विधिवत बंद हो चुके हैं, तो शीतकालीन यात्रा की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि संतों, तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के सहयोग से जल्द ही शीतकालीन यात्रा शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने देशभर के श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि शीतकालीन गद्दीस्थलों के दर्शन के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें।
कपाट बंद होने के बाद परंपराओं के अनुसार देवताओं के विग्रहों को उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों की ओर ले जाया गया। देवताओं के खजांची कुबेरजी के विग्रह को बामणी गांव में रात्रि विश्राम के लिए ले जाया गया, जबकि उद्धवजी, शंकराचार्य गद्दी और अन्य विग्रह रावल निवास स्थान पहुंचाए गए।
इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया सहित कई लोग परिक्रमा कर सिंहद्वार से बाहर निकले।
अध्यक्ष द्विवेदी ने चारधाम यात्रा में सहयोग देने वाले सभी विभागों, संस्थाओं, सेना, ITBP, पुलिस, जिला प्रशासन, SDRF, NDRF, हकहकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों का विशेष धन्यवाद दिया।
कपाट बंद होने के अवसर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, विजय कपरवाण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, दंडी स्वामी मुकुंदानंद, महेंद्र शर्मा, प्रह्लाद पुष्पवाण, देवीप्रसाद देवली, धीरज पंचभैया, दिनेश डोभाल, पंडित मोहित सती, राजेंद्र प्रसाद डिमरी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। स्थानीय प्रशासन और नगर पंचायत के अधिकारी भी इस औपचारिक कार्यक्रम में शामिल हुए।




