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देहरादून। दून-दिल्ली रूट पर जल्द ही मुंबई की एक कंपनी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करेगी। दरअसल, उत्तराखंड रोडवेज ने इस कंपनी को पांच बसों को चलाने की इजाजत दे दी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस रूट पर तीन महीने का ट्रायल किया जायेगा।

माना जा रहा है कि ट्रायल सफल रहा तो रोडवेज इस रूट पर अनुबंध के आधार पर शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए वहां की केजरीवाल सरकार डीजल से चलने वाले पुरानी बसों का प्रवेश कभी भी बंद कर सकती है। इस सबंध में दिल्ली सरकार कई बार उत्तराखंड रोडवेज को पत्र भी भेज चुकी है।

नहीं मिली सीएनजी बसें

बता दें कि देहरादून रोडवेज ने तीन महीने पहले दिल्ली-देहरादून रूट पर अनुबंध पर सीएनजी बसें चलाने के लिए टेंडर किया था लेकिन बहुत कम वाहन स्वामी बसें चलाने के लिए आगे आए। 141 बसों के लिए हुए टेंडर में वाहन स्वामी सिर्फ 40 बसें रोडवेज को देने के लिए आगे आए किन्तु इतनी बसें भी अभी तक रोडवेज को नहीं मिल पाई हैं।

इलेक्ट्रिक बसों में रोडवेज का कंडक्टर होगा

पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलने वाली कंपनी की इलेक्ट्रिक बसों में रोडवेज का ही कंडक्टर रहेगा। कंपनी रोडवेज को पांच रुपये प्रति किलो मीटर के हिसाब से भुगतान करेगी। इन इलेक्ट्रिक बसों का किराया रोडवेज की वॉल्वो बस के बराबर होगा। साथ ही यात्री बस की बुकिंग रोडवेज की वेबसाइट पर भी की जा सकेगी। इसकी समयसारिणी भी रोडवेज द्वारा ही तय की जाएगी।

रोडवेज के जीएम संचालन दीपक जैन ने बताया कि दून-दिल्ली रूट पर कंपनी को पांच बसें ट्रायल पर चलाने की इजाजत दे दी गई है। अगर तीन महीने का ट्रायल सफल रहा तो इस रूट पर शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया जायेगा। कंपनी को बसों की चार्जिंग के लिए जगह रोडवेज द्वारा ही उपलब्ध कराई जाएगी।