Prabhat Vaibhav,Digital Desk : 13 साल बाद जिले की राजनीति में वापसी की कोशिश कर रही बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लिए लखनऊ में 9 अक्टूबर को हुई कांशीराम परिनिर्वाण दिवस रैली किसी पुनर्जागरण से कम नहीं रही।
रैली की जबरदस्त सफलता ने कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया है और पार्टी को एक बार फिर अपने खोए जनाधार को वापस पाने की उम्मीद दिखाई दे रही है।
बूथवार बैठकें शुरू, कार्यकर्ताओं को धन्यवाद और नया संदेश
बसपा अब बूथ स्तर पर बैठकें आयोजित कर रही है, जिनमें कार्यकर्ताओं का आभार जताने के साथ-साथ यह संदेश भी दिया जा रहा है कि
“उत्तर प्रदेश की सत्ता से भाजपा को केवल बसपा ही हटा सकती है।”
इन बैठकों का दौर दिसंबर तक जारी रहेगा, जिसके बाद पार्टी मायावती के जन्मदिन समारोह की तैयारियों में जुट जाएगी।
संगठन को नया ढांचा: तीन जोन में बंटी हर विधानसभा
संगठन को मजबूत करने के लिए हर विधानसभा को तीन-तीन जोन में विभाजित किया गया है।
हर जोन में एक कोऑर्डिनेटर तैनात है और 10 बूथ पर एक सेक्टर बनाया गया है।
जिले की सात विधानसभाओं को मिलाकर अब तक 21 जोन, 274 सेक्टर और 2,726 बूथ बनाए जा चुके हैं, ताकि पार्टी की पकड़ जमीनी स्तर तक मजबूत हो सके।
प्रदेश अध्यक्ष संभाल रहे देवीपाटन मंडल की कमान
बसपा मुखिया मायावती ने प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को देवीपाटन मंडल का मुख्य मंडल प्रभारी बनाया है।
वह हर महीने पाँच से सात बार जिले का दौरा कर रहे हैं और
संगठन की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
पार्टी न सिर्फ़ पुराने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही है बल्कि
अन्य दलों से नए चेहरे भी जोड़ रही है, और उन्हें सम्मानजनक भूमिका देने का भरोसा दे रही है।
“रैली की सफलता से कार्यकर्ता उत्साहित” — बसपा जिलाध्यक्ष
बसपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार कनौजिया ने बताया,
“लखनऊ रैली की सफलता से कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है।
पार्टी ने हर बूथ पर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित करने की जिम्मेदारी दी है।
दिसंबर तक सभी बूथवार बैठकें पूरी कर ली जाएंगी।”




