
महाराष्ट्र।। एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। जयंत पाटिल ने कहा कि अजित ने किसी को यह नहीं बताया कि वह वह पार्टी छोड़ रहे हैं। हमने भारत चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है।
एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि हमने बीती रात विधानसभा अध्यक्ष को याचिका भेजी थी और उनसे सुनवाई की अपील की थी। विधानसभा में हमारी पार्टी के 53 विधायक हैं, जिनमें से 9 छोड़कर गए हैं लेकिन बाकी हमारे साथ हैं। पार्टी छोड़कर गए नेताओं को मौका दिया जाएगा कि वह वापस लौट आएं लेकिन जो लोग वापस नहीं आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने अजित पवार के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने पर कहा कि एनसीपी के अंदर कभी भी नफरत या कोई गलतफहमी नहीं थी।
अजित पवार के विचार अलग थे और हमारे अलग हैं। वहीं महाराष्ट्र भाजपा के नेता नारायण राणे ने एक बयान में कहा है कि हमारी सरकार मजबूत है और 2024 तक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। राणे ने कहा कि जैसे -जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे ही महाविकास अघाड़ी के नेता भी हमारे साथ आएंगे। पहले भी पवार साहब ने कहा था कि उनकी पार्टी मजबूत है लेकिन अब उनके 40 लोग उनका साथ छोड़ गए हैं। आज के समय में पार्टी को फिर से खड़ा करना आसान नहीं है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है।
उद्धव ठाकरे तनाव में हैं, उनके पास कुछ नहीं बचा है। महाराष्ट्र की राजनीति पर पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, 'शरद पवार अपनी बेटी को राजनीति में लाना चाहते थे। इस कारण पार्टी के पुराने दिग्गज नेता और अजित पवार नाराज थे और वो एनडीए में शामिल हो गए। इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी अपने भतीजे को राजनीति में लाना चाहती हैं। टीएमसी के सभी दिग्गज नेता जिन्होंने अपने हाथों से पार्टी को खड़ा किया वो नाराज हैं।
इस पंचायत चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी हारेगी और ठीक उसी प्रकार की (महाराष्ट्र की राजनीति) चीजें पश्चिम बंगाल में होंगी।अजित पवार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि एनसीपी का एक बड़ा तबका एनडीए में शामिल हुआ है। एनसीपी के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजीत पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से वे बच सकते हैं और अगर अजीत पवार के पास 35 से कम विधायक रह जाएंगे तो उनका निलंबन होना तय है। जो शिवसेना के समय हुआ था, वही होगा लेकिन यह आंकड़ा कल तक सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि शरद पवार ने बताया कि उन्हें कई विधायकों ने फोन पर बताया है कि उनसे झांसा देकर दस्तखत करवाए गए हैं। बता दें कि रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ । राजनीति के धुरंधर अजित पवार अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ आठ और विधायकों ने भी मंत्री पद शपथ ली।