वाराणसी।। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा की लहरें अब उफान पर है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदू की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। संभावित बाढ़ की स्थिति देख गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों में बेचैनी बढ़ने लगी है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से वरूणा नदी में भी पलट प्रवाह शुरू हो गया है। वरूणा के किनारे रहने वाले भी सतर्क है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में रविवार पूर्वाह्न गंगा का जलस्तर 65.31 मीटर दर्ज किया गया। गंगा में बढ़ाव की गति एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा रही। गंगा की लहरें अभी चेतावनी बिंदू से दूर है, इसके बावजद घाट किनारे रहनेवालों की मुश्किलें बढ़ गई है। घाट किनारे के छोटे-छोटे मंदिर लहरों के आगोश में समा गया है। वहीं, दशाश्वमेधघाट पर स्थित शीतला माता मंदिर के सीढ़ियां जल में डूब गई है। गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए सुरक्षा कारणों से नौकायन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई। सावन माह में गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एनडीआरएफ और जलपुलिस की टीम सतर्क है।
तटवर्ती इलाकों में बाढ़ चौकियां भी अलर्ट कर दी गयी है। उधर,मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका के उंचे प्लेटफार्म और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह अब सीढ़ियों पर हो रहा है। गंगा के लगभग सभी घाटों का आपसी संपर्क भी टूट चुका है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का स्थल तीसरी आर पीछे करना पड़ा। गंगा स्नान के लिए आने वाले शिवभक्तों और श्रद्धालुओं को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मान मंदिर घाट, शीतला घाट, दशाश्वमेध घाट, राजघाट पर बैरिकेडिंग के बाद रस्सियों से सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है। घाटों पर जल पुलिस, पीएसी व एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।