भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि देश की रक्षा के लिए आवश्यक सभी सामग्री उपलब्ध हो। साथ ही सरकार देश में कई चीजें बनाने की कोशिश कर रही है। मौजूदा समय में भारत में महेश्वरास्त्र नामक एक रॉकेट बनाया जा रहा है। इसका नाम भोलनाथ के अस्त्र के नाम पर रखा गया है। कहा जा रहा है कि यह हथियार भोलेनाथ के अस्त्र की तरह ही काम करेगा।
महेश्वरास्त्र नामक एक रॉकेट प्रणाली मौजूदा वक्त में भारत में लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने के लिए विकसित की जा रही है। इस रॉकेट सिस्टम का निर्माण कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज कर रही है। कंपनी के अफसरों के अनुसार इस अस्त्र का नाम भगवान शंकर के अस्त्र के नाम पर रखा गया है। उसकी ताकत उतनी ही रहने वाली है। यह एक गाइडेड रॉकेट सिस्टम होगा। पूर्व में 150 किलोमीटर की सीमा होगी, जबकि बाद में 290 किलोमीटर की सीमा होगी।
इसकी रफ्तार 5680 किमी प्रति घंटा होगी। ये रॉकेट किसी भी मौसम में किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में निशाना भेद सकता है। इस पर पारंपरिक हथियार लगाए जाएंगे।
आपको बता दें कि वर्तमान में हमारे पास पिनाका निर्देशित रॉकेट प्रणाली और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के बीच मिसाइल की कमी है। पिनाका की रेंज 75 किलोमीटर है, जबकि एसएसएम की रेंज 350 किलोमीटर है। महेश्वरास्त्र रॉकेट निर्देशित प्रणाली मध्यवर्ती क्षमता की होगी। भारत के इस नए हथियार से पाकिस्तान और चीन के इन मुल्कों से सटी सरहदों को और सुरक्षित बनाया जा सकता है।