img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम 5:03 बजे जापान के उत्तरी तट पर 6.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र इवाते तट पर था। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने शक्तिशाली भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की, जिसमें एक मीटर (1 मीटर) तक ऊँची लहरें उठने की चेतावनी दी गई। इसके जवाब में, इवाते प्रान्त के ओफुनाटो शहर में 2,825 से ज़्यादा तटीय घरों को खाली करा दिया गया और 6,138 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया। इस घटना के कारण पूर्वी जापान रेलवे की तोहोकू शिंकानसेन सेवा भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई।

इवाते प्रान्त में भूकंप और सुनामी का खतरा

दुनिया के सबसे ज़्यादा भूकंप-प्रवण देशों में से एक, जापान रविवार को फिर से हिल गया। उत्तरी जापान के इवाते प्रान्त के तट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई। यह झटका इतना तेज़ था कि इवाते के मोरियोका शहर और पड़ोसी मियागी प्रान्त में भी महसूस किया गया, जहाँ रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4 मापी गई।

शक्तिशाली भूकंप के तुरंत बाद, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने इवाते तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की। रिपोर्टों के अनुसार, शाम 5:39 बजे इवाते के ओफुनाटो बंदरगाह पर 10 सेंटीमीटर (सेमी) ऊँची सुनामी भी देखी गई, जिससे भय का माहौल बन गया। चेतावनी में कहा गया था कि तट पर 1 मीटर तक ऊँची लहरें उठ सकती हैं, जिससे सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत लोगों को निकालने की आवश्यकता है।

प्रवासन और प्रबंधन पर प्रभाव

संभावित खतरे को देखते हुए, इवाते प्रान्त के ओफुनाटो शहर में 2,825 तटीय घरों को तत्काल खाली करने का आदेश जारी किया गया। इस आदेश के तहत, कुल 6,138 निवासियों को निचले तटीय क्षेत्रों से हटाकर ऊँचे, सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

भूकंप का रेल सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा। पूर्वी जापान रेलवे ने एक बयान में कहा कि तोहोकू शिंकानसेन (बुलेट ट्रेन) सेवाओं की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेंडाइ और शिन-आओमोरी स्टेशनों के बीच ट्रेन संचालन स्थगित कर दिया गया है।

भौगोलिक संवेदनशीलता और पिछली आपदाएँ

जापान के इस क्षेत्र में बार-बार आने वाले भूकंपों का मुख्य कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। जापान प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ़ फायर" के पश्चिमी किनारे पर स्थित है, जो चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है। यही कारण है कि जापान में प्रति वर्ष औसतन 1,500 से ज़्यादा भूकंप आते हैं, जिनमें से ज़्यादातर भूकंप मामूली होते हैं।

यह क्षेत्र 2011 में आए विनाशकारी 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी से अभी भी उबर रहा है। उस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में अनुमानित 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए। इस आपदा के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के तीन रिएक्टर पिघल गए, जो चेरनोबिल के बाद दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा थी। 5 अक्टूबर को यहाँ 6.0 तीव्रता का भूकंप भी आया, जिसने तत्काल चिंता को और बढ़ा दिया।