रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में साल 2013 में बाबा केदारनाथ धाम में आई विनाशकारी आपदा में लापता हुए लोगों का दर्द आज भी उनके परिजनों को रुला देता है। वे आज भी इस आपदा को याद करके कांप उठते हैं। हालांकि दर्दनाक विभीषिका का आये हुए नौ वर्ष का लंबा समय गुज चुका है लेकिन इसके जख्म आपदा की बरसी पर फिर से ताजे हो जाते हैं।
बता दें कि इस भीषण त्रासदी का शिकार हुए लोगों में 3,183 ऐसे लोग भी है जिनका आज तक कोई पता नहीं चल सका। गौरतलब है कि साल 2013 में 16 और 17 जून को केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को अपना शिकार बनाया था। आज तक इन लोगों का कोई पता नहीं लग पाया है। बता दें कि केदारघाटी के अनेक गांवों के साथ ही देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों ने भी इस आपदा में जान गंवाई थी।
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पुलिस के पास आपदा के बाद कुल 1840 मामले दर्ज किये गए। इनमें से कई दो -दो बार दर्ज की गई। इसके बाद रुद्रप्रयाग में पुलिस की एक विवेचना सेल गठित की गई। इसमें 584 एफआईआर मर्ज की गई जो, दो-दो जगहों पर दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने सही तफ्तीश करते हुए 1256 मामलों को वैध मानते हुए कार्रवाई शुरू की। पुलिस के पास 3,886 गुमशुदगी दर्ज हुई जिसमें से विभिन्न तलाशी अभियानों में 703 कंकाल बरामद किए गए।