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नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य में घरेलू कूड़ा बीनने वाले लोगों व उनके बच्चों को सरकार की ओर से जारी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने के मामले में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई के बाद मामले को अति गंभीर पाते हुए निदेशक शहरी विकास से कहा है कि वे 27 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हों। साथ ही कोर्ट को बताएं कि इनकी सुरक्षा व इनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार की क्या योजनाएं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपनी एक सर्वे रिपोर्ट में पाया था कि हाईकोर्ट व अन्य जिला विधिक प्राधिकरणों की रिपोर्ट के अनुसार कूड़ा बीनने वालों को जरूरी सामान एवं उनके बच्चों को राज्य व केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का सहारा नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से उनके बच्चे वहीं के वहीं काम करते आ रहे हैं जिससे उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन्हें भी सरकार की ओर से जारी सभी योजनाओं का लाभ दिया जाए, ताकि उनके बच्चों को वही कार्य नहीं करना पड़े। उनके बच्चों का भी विकास होना अति आवश्यक है। क्योंकि वे हमारे समाज के अहम हिस्से से जुड़े हुए हैं। कम से कम सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके।