नवरात्रि (Navratri 2022) का आज पांचवा दिन है। गत 4 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन था। इस दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की आराधना की जाती है। बता दें कि नवरात्रि का ये पावन पर्व भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां स्थित एक मंदिर में नवरात्रि के दिनों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। आइये बताते हैं ये मंदिर कौन सा है और इसका इतिहास क्या है।
बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में माता का एक सिद्ध पीठ स्थित है। इस सिद्ध पीठ को ‘हिंगलाज’ माता के नाम से जाना जाता है। हिंगलाज माता () का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में नवरात्रि का पर्व बेहद धूमधाम और भक्ति भाव से मनाया जाता है। माता के दर्शन के लिए यहां हजारों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं। पौराणिक कथा है कि भगवान राम, रावध का वध करने के बाद हिंगलाज माता के दर्शन के लिए पधारे थे और उनसे आशीर्वाद लिया था।
हिंगलाज माता का नाम हिंगलाज क्यों और कैसे पड़ा इसके पीछे एक बड़ी रोचक कथा है। कहते हैं कि यहां पर हिंगोल नाम का एक कबिला था जिसका राजा हंगोल था। हंगोल एक बहादुर राजा था लेकिन उसके दरबारी उसे बिलकुल भी नहीं पसंद करते थे। यही कारन था कि राजा के वजीर ने राजा को कई तरह की गलत आदतों की लत लगा दी जिससे कबिले के लोग परेशान हो गए। (Navratri 2022)
इसके बाद लोगों ने देवी से राजा को सुधारने की प्रर्थना की। माता ने उनकी प्रार्थना सुनी और राजा को सुधार कर कबिले की लाज बचाई बस तभी से हिंगलाज माता के नाम से जनि जाने लगी। मुसलमान हिंगलाज माता को नानी का मंदिर कहते हैं। (Navratri 2022)
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को बेहद पथरीले और कच्चे रास्तों से होकर जाना पड़ता है लेकिन कहते हैं कि जो भी भक्त माता के दरबार में पहुंच जाता है वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता है। मुसलमान भी माता पर विशेष आस्था रखते हैं अपनी इस धार्मिक यात्रा को वे नानी का हज और नानी का मंदिर कहते हैं। (Navratri 2022)
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