पूर्वी चंपारण।भारत सरकार द्वारा नेपाल में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद प्याज की तस्करी धडल्ले से हो रही है। रक्सौल में जहां पहले प्याज के दो ट्रक की खपत रहती थी वही इन दिनों में प्रतिदिन 30 से 35 ट्रक प्याज रक्सौल पहुंचने लगे है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रक्सौल पहुंचने वाली प्याज को तस्कर खुली सीमा से नेपाल पहुंचाकर उसे दुगने रेट में बेच रहे है।बताया गया कि भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों के नाक के नीचे से तस्कर बेखौफ प्याज की तस्करी कर रहे है।रक्सौल पहुंचने वाली प्याज को मेन रोड, मछली बाजार, नहर रोड व लक्ष्मीपुर में ट्रक से अनलोड किया जाता है। जहां से टांगा, ई रिक्शा व साइकिल के माध्यम से भारतीय बॉर्डर को पार कर नेपाल पहुचाया जाता है।
जानकारी के अनुसार प्याज की तस्करी में कई सफेदपोश शामिल है।उल्लेखनीय है कि देश में प्याज के उत्पादन में कमी के मद्देनजर इसके दामो में स्थिरता रखने को लेकर भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। वही नेपाल में प्याज की मांग को देखते हुए तस्कर खुली सीमा का लाभ उठाकर प्याज की तस्करी कर चांदी काटने में जुटे है। प्याज तस्कर रक्सौल के अहिरवाटोला, पंटोका, सिवान टोला, सहदेवा, महदेवा, मुसहरवा, नायकटोला, बेलदरवा, भेलाही, सिसवा समेत विभिन्न ग्रामीण रास्तों से साइकिल टांगा व ई रिक्शा से सुगमता पूर्वक प्याज की तस्करी कर रहे है।
रक्सौल के सब्जी मंडी में प्याज का होलसेल दाम 120 से 140 रुपये पसेरी(पांच किलो) है। वही खुदरा दर 22 से 25 रुपये प्रति किलो है। जबकि बीरगंज नेपाल में 80 रुपये प्रति किलो यानी भारतीय मुद्रा में 50 रुपये प्रति किलो कीमत है। जाहिर तौर पर प्याज तस्करो के इन करतूतो के बाद भारत नेपाल की सीमा की चौकसी कर रहे एसएसबी पर सवालिया निशान खड़ा होना लाजिमी है।