जोशीमठ, 28 जून। परम विशिष्ट सेवा मेडल से विभूषित लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी कोर ऑफ इंजीनियर्स (सेवानिवृत्त सेना) को उत्तराखंड सरकार ने सम्मान स्वरूप दो लाख रुपये की धनराशि भेंट की है।भारतीय सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह (चरण-द्वितीय) के दौरान सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल के 84 सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने असाधारण क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए 52 अति विशिष्ट सेवा पदक, तीन उत्तम युद्ध सेवा पदक और 28 परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया। परम विशिष्ट सेवा पदक से नवाजे जाने वालों में पूर्व सैन्य अधिकारी डिमरी भी शामिल हैं। वो सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ नगर के रविग्राम के मूल निवासी हैं।
इनके पिता स्वर्गीय मेजर बीसी डिमरी सेना की गढ़वाल राइफल्स एवं ऑर्डिनेंस कोर मे रहे हैं। छोटे भाई नौ सेना एवं बहन सेना में चिकित्सक पद पर सेवारत थे। बहनोई सेना में चिकित्सक के पद पर सेवारत हैं। करीब 40 वर्ष तक मातृभूमि की सेवा करने वाले डिमरी ने 17 दिसंबर 1983 को द बंबई सैपर्स में कमीशन प्राप्त किया था। राष्ट्रीय सैन्य अकादमी पुणे एवं भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण के दौरान ऑर्डर ऑफ मेरिट मे सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से नवाजे गए।
लेफ्टिनेंट जनरल (रिडायर्ड) योगेन्द्र डिमरी ने पश्चिमी बॉर्डर असाल्ट इंजीनियर रेजीमेंट, इंजीनियर ब्रिगेड, लाइन ऑफ कंट्रोल पर इन्फेंट्री ब्रिगेड, काउंटर इन्फिल्टरेशन एवं काउंटर इंसर्जेन्सी ऑपरेशन मे काउंटर इंसर्जेन्सी फोर्स के साथ रेगिस्तान मे स्ट्राइक कोर का नेतृत्व किया। कंबोडिया के यूएस मिशन मे मिलिट्री ऑब्जर्वर के रूप मे कार्यरत रहे।
उन्होंने ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से बीएससी, मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में स्नातकोत्तर और राष्ट्रीय विश्वविद्यालय ढाका से रक्षा एवं युद्ध नीति विषय से पीजी किया। मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल की उपाधि भी हासिल की। उनकी मां दमयंती डिमरी अधिकांश समय रविग्राम में रहती हैं। पत्नी निधि डिमरी पीजीटी रसायन विज्ञान की शिक्षक रही हैं। पुत्र मैत्रेय डिमरी कारपोरेट क्षेत्र में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।