प्रभात वैभव डेस्क। जेल या कारागार एक प्रकार का सुधार गृह है। जेलों में अपराध करके आए लोगों को सुधरने का पूरा मौका दिया जाता है। कई जेलों में तो कैदियों के लिए पढ़ाई से लेकर तमाम रचनात्मक कोर्स चलाये जाते हैं। कुछ इसी तरह की गतिविधियों के लिए इन दिनों झांसी जेल चर्चा में हैं। झांसी जिला जेल में कैदियों को साक्षर करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक कुल 171 कैदियों को साक्षर किया गया है।
देश की अन्य जेलों की तरह झांसी जेल में भी हत्या, दुष्कर्म, डकैती, पॉस्को, रंगदारी जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए कैदी सजा काट रहे हैं। झांसी जेल में बंद कुल कैदियों में 246 कैदी पूरी तरह से निरक्षर हैं। 63 कैदी जेल में आने के बाद पढ़ाई से दूर हो गए थे। इसे देखते हुए जेल प्रशासन ने जेल में शिक्षा की अलख जगाई। जेल में कक्षाएं चलने लगी। सरकारी शिक्षकों के साथ ही जेल में तैनात डिप्टी जेलर प्रकाश बंसल, सुरेश मिश्र, जयवीर सिंह चौहान भी कैदियों को पढ़ाते हैं।
आज स्थिति ये है कि झांसी जेल में 17 कैदी कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह कक्षा 6 में चार कैदी, कक्षा 9 में 2 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ कैदियों ने इग्नू के तहत चलने वाले कोर्स में भी एडमिशन लिया है। इग्नू में बीए प्रथम वर्ष में एक कैदी, बीए द्वितीय वर्ष में एक कैदी, एमए प्रथम वर्ष में एक कैदी ने एडमिशन लिया है। इसके साथ ही ह्यूमन रिसोर्स के सर्टिफिकेट कोर्स में 2 और फूड एंड न्यूट्रीशन सर्टिफिकेट कोर्स में 9 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं।
इस अनूठे अभियान की चर्चा हर जगह हो रही है। लोग जेल प्रशासन की तारीफ़ कर रहे हैं। वरिष्ठ अधीक्षक झांसी जेल विनोद कुमार ने बताया कि जेल प्रशासन यह प्रयास किया जा रहा है कि जो बंदी किसी वजह से पढ़ नहीं सके, उन पढ़ने का मौक़ा दिया जाए। विनोद कुमार ने कहा कि इस अभियान के जरिये कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।