
छत्तीसगढ़ के कोरबा से शिक्षा विभाग को शर्मसार करने देने वाला मामला उजागर हुआ है। दरअसल, टीचर का दर्जा मां-बाप से ऊपर माना गया है एवं स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। लेकिन कोरबा में ऐसा नहीं है।
शासकीय कन्या शाला पसान के शिक्षक प्रवीन कुमार साहू द्वारा स्कूल में एडमिशन के बदले घूस मांगने की घटना उजागर हुई है। यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि साहू यह घूस स्वामी आत्मानंद विद्यालय में एडमिशन देने हेतु मांग रहे थे, जो कि उनके अधिकार में नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक कन्या शाला का समय खत्म होने के बाद भी रुकते हैं और आत्मानंद विद्यालय के लोगों के बीच दारु का सेवन कर बैठे रहते हैं। इस दौरान विगत सोमवार को उन्होंने वहां महिला कर्मचारियों से उनके फोन नंबर की मांग की और उन्हें अपना काम करने से रोकते रहे। इस बीच एक मजदूर अपने बच्चे का दाखिला कराने आया, जिससे प्राध्यापक साहू द्वारा रिश्वत की मांग की गई।
श्रमिक ने अपने गरीब होने व रुपए देने में सक्षम न होने की बात कही लेकिन शिक्षक द्वारा 500 रुपए वसूले गए। इस बीच उनके द्वारा कई अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। इस मामले का संज्ञान जब तहसीलदार को हुआ तो उन्होंने कार्रवाई कर दी।