चम्पावत। देवीधुरा के रहने वाले विजय ने पुलिस के सख्त पहरे में शादी रचाई। कन्या पक्ष के लोग भी शादी कराने यहां पहुंचे और बेहद सादे समारोह में मां वाराही मंदिर में विजय और सुनीता ने परिजनों के आशीर्वाद से सात फेरे लिए। बता दें के बीते 16 मई को देवीधुरा से सुनकोट गई बारात में विवाह की रस्मों के दौरान दूल्हा विजय की पीठ में रहस्यमय तरीके से गोली लग गई थी जिससे वह घायल हो गया था। ऐसे में विवाह की रस्मे रोककर उसे अस्पताल पहुंचाया गया था।
अब विजय लमगड़िया ने बुधवार को सुनकोट जिला नैनीताल निवासी सुनीता के साथ शादी की। विजय और सुनीता ने मां वाराही मंदिर में अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। बताया जा रहा है कि बुधवार को सुनकोट निवासी रमेश बोहरा अपनी बेटी सुनीता और अन्य परिजनों के साथ देवीधुरा के मां वाराही धाम पहुंचे। यहां पर कन्या पक्ष के पुरोहित जगदीश पांडेय और वर पक्ष के जगदीश जोशी ने यह विवाह संपन्न कराया।
इस दौरान थाना पाटी के दो कांस्टेबल सुरक्षा के लिहाज मंदिर में तैनात रहे। विवाह कार्यक्रम में कन्या पक्ष की तरफ से दुल्हन की मां पुष्पा देवी, भाई विनोद सिंह, ताऊ गणेश सिंह शामिल हुए जबकि वर पक्ष की तरफ से दूल्हे के पिता दीवान सिंह लमगड़िया, मां सावित्री देवी, दादा पान सिंह, ताऊ नारायण सिंह, चाचा हयात सिंह, नरेश सिंह, भीम सिंह, बहन भगवती देवी, खुशी और भाई अजय लमगड़िया मौजूद रहे।
बता दें कि 16 मई को देवीधुरा निवासी विजय सिंह लमगड़िया नैनीताल जिले के सुनकोट गांव निवासी सुनीता के सात सात फेरे लेने के लिए बारात के साथ उनके दरवाजे पर पहुंचे थे। धूलिअर्घ्य की रस्म के बाद बाराती और अन्य लोग दोपहर का भोजन कर रहे थे जबकि विजय और सुनीता जयमाला कार्यक्रम में व्यस्त थे। इसी बीच विजय की पीठ में रहस्यमय ढंग से गोली लग गई।
दूल्हे को गोली लगते ही विवाह समारोह में अफरातफरी मच गई। आनन फानन में घायल दूल्हे को पाटी के हॉस्पिटल में एडमिट करा गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद विजय को इलाज के लिए हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। इधर दूल्हे के पिता दीवान सिंह लमगड़िया की तहरीर पर थाना पाटी में अज्ञात के खिलाफ 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन अभी पुलिस इस बात का पता नहीं लगा सकी है कि गोली किसने चलाई थी।