
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शिक्षा को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखा जा रहा है। राज्य सरकार लगातार यह कोशिश कर रही है कि विद्यार्थियों की रचनात्मकता, कला और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा मिले। इसी दिशा में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, राज्य स्तरीय कला उत्सव 2025 का आयोजन 13 अक्टूबर को सेंट एन्थोनी कान्वेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, प्रयागराज में किया जाएगा।
इस साल का विषय है – ‘विकसित भारत 2047 के भारत की परिकल्पना’। इस कार्यक्रम में 18 मंडलों से चुने गए 429 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे, जिनमें 289 छात्राएँ, 137 छात्र और 3 दिव्यांग विद्यार्थी शामिल हैं। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाला विद्यार्थी राष्ट्रीय कला उत्सव में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगा।
राज्य को मिली 14 लाख रुपए की सहायता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थियों को कला, संस्कृति और जीवन मूल्यों से भी जोड़ा जाना आवश्यक है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति और रचनात्मकता बढ़ती है।
इस कला उत्सव के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कुल 14 लाख रुपए की धनराशि उत्तर प्रदेश को मंजूर की है। इसमें से 9.30 लाख रुपए जनपद और मंडल स्तर पर और 4.23 लाख रुपए राज्य स्तरीय आयोजन के लिए प्रयागराज को भेजे गए हैं।
कला विधाओं की संख्या बढ़ी
अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि यह कला उत्सव 2015 से चल रही एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य छात्रों में सृजनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना है।
इस साल कला विधाओं की संख्या 6 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है, ताकि एकल और समूह दोनों श्रेणियों के विद्यार्थियों को समान अवसर मिल सकें। इसमें शामिल हैं:
- संगीत (गायन और वादन)
- नृत्य (शास्त्रीय और लोक)
- नाटक
- दृश्यकला (2D और 3D)
- पारंपरिक कहानी वाचन
इससे विद्यार्थियों की कला प्रतिभा और रचनात्मकता दोनों को सही मंच मिलेगा।
चार चरणों में आयोजित होगा कला उत्सव
कला उत्सव को चार स्तरों पर आयोजित किया जा रहा है – जिला, मंडल, राज्य और राष्ट्रीय।
- जिला स्तर: 75 जनपदों के 1852 स्कूलों (694 सरकारी, 817 सहायता प्राप्त, 334 निजी, 7 अन्य) के 10,692 विद्यार्थियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इसमें 36 दिव्यांग विद्यार्थियों ने भी भाग लेकर समावेशी शिक्षा को मजबूती दी।
- मंडल स्तर: प्रतियोगिताएं 20 सितंबर 2025 तक संपन्न हो चुकी हैं।
- राज्य स्तर: अब उत्कृष्ट प्रतिभाओं का चयन होगा। ये विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगे।
कुल मिलाकर यह आयोजन न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देता है, बल्कि छात्रों की आत्मविश्वास, टीम वर्क और रचनात्मक सोच को भी मजबूत बनाता है।