Prabhat Vaibhav,Digital Desk : छठ महापर्व के मौके पर इस बार खुशियों के बीच दर्दनाक हादसों ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। सोमवार की शाम और मंगलवार की सुबह अर्घ्य और स्नान के दौरान नदियों व तालाबों में डूबने से कुल 89 लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
इन घटनाओं में सबसे ज़्यादा बच्चे और किशोर शामिल हैं, जो पूजा की तैयारी या घाटों पर मौजूद थे।
राजधानी पटना में 14 लोग डूबकर जान गंवा बैठे। वहीं नालंदा और वैशाली में आठ-आठ, औरंगाबाद और सारण में तीन-तीन, रोहतास, बेगूसराय और गोपालगंज में दो-दो, जबकि भोजपुर, सिवान, बक्सर और कैमूर में एक-एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।
कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों से भी 29 मौतों और 10 लोगों के लापता होने की खबर सामने आई है।
उत्तर बिहार में भी हादसों की लंबी सूची
उत्तर बिहार के विभिन्न घाटों पर डूबने की 14 घटनाएं दर्ज हुईं। सोमवार को 35 और मंगलवार को 53 लोगों की मौत हुई। इन मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा दुख जताया है।
नवगछिया पुलिस जिला के नवटोलिया गांव में गंगा की उपधारा में स्नान करते समय चार बच्चे डूब गए, जबकि दो अब भी लापता हैं। ये सभी बच्चे छठ घाट की सफाई और सजावट में जुटे हुए थे।
खगड़िया और भागलपुर में नौ-नौ, मधेपुरा में पांच, बांका, सहरसा और पूर्णिया में दो-दो, तथा लखीसराय में एक व्यक्ति की मौत हुई। उत्तर बिहार में छठ पूजा के दौरान हुई इन घटनाओं में कुल 14 लोगों की जान चली गई और एक बच्ची लापता बताई गई है।
मधुबनी और दरभंगा में दर्द भरे दृश्य
सोमवार को नौ और मंगलवार को पांच लोगों की मौत के मामले दर्ज किए गए हैं।
इनमें मधुबनी के पांच, दरभंगा के दो, समस्तीपुर और सीतामढ़ी के तीन-तीन, और मोतिहारी के एक व्यक्ति की मौत शामिल है।
दरभंगा में सोमवार को एक छठव्रती महिला की भी डूबने से मृत्यु हो गई। मृतका कुशेश्वरस्थान प्रखंड के हरिनगर निवासी संजीत साह की पत्नी बबीता देवी (30 वर्ष) बताई गई हैं।
यह हादसा पूरे बिहार के लिए गहरी पीड़ा लेकर आया है। श्रद्धा के इस महापर्व पर जिन परिवारों ने अपने अपनों को खो दिया, उनके लिए यह छठ हमेशा यादगार रहेगा, लेकिन दुख के साथ।




